Oarfish or Doomsday Fish: तमिलनाडु के समुद्री किनारे मछुआरों के जाल में फंसी एक दुर्लभ और रहस्यमयी मछली ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। इस महीने की शुरुआत में एक दुर्लभ और रहस्यमय ओरफिश (Oarfish) देखी गई, जिसे अक्सर आपदाओं की चेतावनी देने वाला माना जाता है। जिसके बाद से सोशल मीडिया यूजर्स में जिज्ञासा और चिंता दोनों पैदा हो गई है। ओरफिश आमतौर पर समुद्र में सैकड़ों से हजारों फीट की गहराई में होती है। इंसानों को यह बहुत कम दिखाई देती हैं।
इस मछली का नाम है ‘ओरफिश’ या ‘रिबनफिश’, जिसकी लंबाई लगभग 30 फीट तक हो सकती है और इसकी चांदी सी चमक और लहराते हुए रिबन जैसे शरीर के कारण इसे समुद्र का अजीबोगरीब जीव माना जाता है। सिर पर लाल रंग का एक खास फिन इसे और भी आकर्षक और अलग बनाता है। ये मछलियाँ आमतौर पर गहरे समुद्र में रहती हैं, इसलिए इनके सतह पर आ जाने से लोगों में आश्चर्य और डर दोनों पैदा हो जाता है।
तस्मानिया के बाद तमिलनाडु में दिखी ओरफिश
बीते सोमवार को तस्मानिया के पश्चिमी तट पर एक अजीब और अनोखी मछली बहकर आई। यह लंबी और साँप जैसी मछली देखकर वहां के लोग हैरान रह गए। तस्मानिया की घटना के कुछ ही समय बाद, तमिलनाडु के मछुआरों ने गहरे समुद्र में एक और रहस्यमयी मछली पकड़ी। यह मछली अपने बड़े आकार, चमकदार धातु जैसे तराजू और सिर पर लाल कलगी के कारण सबको हैरान कर गई। जब मछली को किनारे लाया गया, तो उसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। कई लोगों ने इसे शुभ संकेत या किसी आने वाली घटना से जोड़ते हुए अपनी पुरानी कहानियाँ भी साझा कीं।
लोग क्यों मानते हैं 'शापित'
इस मछली को वैज्ञानिक भाषा में रेगलेकस ग्लेसने कहा जाता है, लेकिन आम तौर पर इसे ओरफ़िश कहा जाता है। इसकी दुर्लभता और अजीब बनावट के कारण इसे लेकर कई तरह के मिथक और डर फैलते रहे हैं। स्थानीय लोगों को याद है कि बड़े भूकंपों से पहले भी ओरफ़िश देखी गई थी। सबसे ज़्यादा चर्चा 2011 की उस घटना की होती है, जब जापान में भयानक भूकंप और सुनामी आई थी और उससे पहले कई ओरफ़िश नजर आई थीं। इसी तरह की घटनाएँ मैक्सिको में भी बताई गई हैं, जहाँ बड़े भूकंपों से पहले इस मछली के दिखने की खबरें सामने आई थीं।
जापानी लोककथाओं में माना जाता है कि ओरफिश समुद्र के नीचे भूकंप के झटकों की वजह से सतह पर आ जाती है। इसी वजह से बहुत से लोग आज भी इसे किसी अनहोनी या आपदा का संकेत मानते हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों को इस विश्वास का समर्थन करने वाला कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। समुद्री जीवविज्ञानियों का कहना है कि ओरफिश के सतह के पास आने की वजह पानी के तापमान में बदलाव, बीमारी या चोट भी हो सकते हैं। साल 2019 में किए गए एक सर्वे में भी ओरफिश के दिखने और भूकंप के बीच कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया।