भारत की धरती सांपों की विविधता के लिए जानी जाती है, जहां करीब 345 प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं। इनमें से कुछ ही ऐसे होते हैं जिनके ज़हर में होती है जान लेने की ताकत। लेकिन इन सबमें एक सांप ऐसा है, जो देखने में भले ही भारी-भरकम अजगर जैसा लगे, लेकिन इसके भीतर छिपा जहर किसी भी ज़िंदा शरीर को कुछ ही घंटों में मौत की नींद सुला सकता है। इसका नाम है रसेल वाइपर – एक ऐसा नाम जो सांप विशेषज्ञों के लिए भी डर का पर्याय बन चुका है। इसकी चाल धीमी ज़रूर होती है, लेकिन इसका हमला बेहद तेज और घातक होता है।
खास बात ये कि इसके नन्हे सपोलों में भी उतना ही जहर होता है, जितना किसी बड़े सांप में। आज हम आपको बताएंगे इस खतरनाक सांप की ऐसी दिलचस्प बातें, जिनसे अब तक आप शायद अनजान थे। तैयार हो जाइए, क्योंकि ये कहानी है जहर के राजा की।
हजारों लोगों की जान लेता है ये सांप
रसेल वाइपर को भारत के सबसे जहरीले चार सांपों में गिना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 50,000 लोगों की मौत सर्पदंश से होती है, जिनमें बड़ी संख्या में रसेल वाइपर की बाइट शामिल होती है। इसके विष में पाया जाता है हेमोटॉक्सिक जहर, जो खून को गाढ़ा कर देता है और शरीर की कोशिकाओं को तेजी से नुकसान पहुंचाता है।
लोकल 18 से बात करते हुए सर्पमित्र मुरारी सिंह बताते हैं कि रसेल वाइपर की सबसे खतरनाक बात ये है कि लोग इसे अक्सर अजगर समझ लेते हैं। इसका रंग-रूप और आकार भ्रम पैदा करता है, लेकिन सच्चाई ये है कि इसकी एक बाइट में इतना जहर होता है कि यह एक घंटे के भीतर किसी भी बड़े जानवर को मार सकता है।
इंसानी बस्तियों के करीब पहुंचा खतरा
ये सांप अब शहरों और गांवों की बस्तियों तक पहुंच चुका है। खासकर झारखंड के हजारीबाग में इसकी आबादी तेजी से बढ़ रही है। ये सांप रात के समय सक्रिय होता है और बेहद फुर्तीला होता है, जिससे ये और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है।
अंडे नहीं, देता है सीधे बच्चों को जन्म
रसेल वाइपर की जनसंख्या में बढ़ोत्तरी का कारण है इसका अनोखा प्रजनन तरीका। ये अंडे नहीं देता, बल्कि एक बार में 30 से 40 बच्चों को जन्म देता है। यही कारण है कि इसके बच्चों की जीवित रहने की संभावना काफी ज्यादा होती है और इनकी संख्या तेजी से बढ़ती है।
काटने के बाद शरीर में क्या होता है?
इसके काटने के कुछ घंटों के भीतर खून जमने लगता है और शरीर के प्रभावित हिस्से में सूजन आ जाती है। अगर समय पर इलाज न हो तो जान बचाना मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि इलाज के बाद भी कई बार गैंग्रीन हो जाता है, जिससे डॉक्टरों को प्रभावित अंग को काटना पड़ता है।
नन्हें सपोलों में भी जानलेवा जहर
इस सांप के नन्हे सपोलों में भी इतना जहर होता है कि वो बड़े जानवरों को मारने में सक्षम होते हैं। इसलिए इस सांप से न सिर्फ बड़े, बल्कि उसके बच्चे भी उतने ही खतरनाक हैं।