TCS Employee : पिछले कुछ दिनों से एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल है और इसने हर किसी का ध्यान खींचा है। महाराष्ट्र के पुणे में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के ऑफिस के बाहर एक कर्मचारी फुटपाथ पर सोता हुआ नजर आया। तस्वीर के साथ एक लेटर भी वायरल हुआ, जिसमें कर्मचारी ने अपनी सैलरी और हालात पर नाराजगी जताई थी। देखते ही देखते यह मामला सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा और कंपनी तक पहुंच गया।
ये तस्वीर हुई थी काफी वायरल
बता दें कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के एक कर्मचारी की पुणे ऑफिस के बाहर फुटपाथ पर सोते हुए तस्वीर वायरल हो गई है। इस तस्वीर ने लोगों में नाराज़गी बढ़ा दी है और आईटी सेक्टर में कर्मचारियों के हालात को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सौरभ मोरे नाम के एक कर्मचारी का कहना है कि एचआर विभाग से कई बार शिकायत करने के बाद भी वेतन न मिलने की वजह से उन्हें सड़क पर सोना पड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर में सौरभ टीसीएस के सह्याद्री पार्क ऑफिस के बाहर फुटपाथ पर लेटे दिख रहे हैं।
यह तस्वीर सबसे पहले फोरम ऑफ आईटी एम्प्लॉइज (FITE) ने एक्स पर शेयर की थी। सौरभ मोरे के पास रखे एक हाथ से लिखे नोट में लिखा था, "मैंने एचआर विभाग को बता दिया है कि मेरे पास पैसे नहीं हैं, इसलिए मुझे टीसीएस ऑफिस के बाहर फुटपाथ पर सोना और रहना पड़ रहा है।" FITE के अनुसार, मोरे 29 जुलाई को पुणे ऑफिस पहुंचे थे, लेकिन वहां उन्हें पता चला कि उनकी कर्मचारी आईडी बंद कर दी गई है और उनका वेतन भी रोक दिया गया है।
सौरभ मोरे ने 30 जुलाई को एचआर टीम से अपनी समस्या उठाई, लेकिन कथित तौर पर कोई समाधान नहीं मिला। इसके बाद उनकी फुटपाथ पर सोते हुए तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे आईटी कंपनी को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा।
आईटी, बीपीओ, केपीओ और दूरसंचार क्षेत्रों के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था एफआईटीई महाराष्ट्र ने सौरभ मोरे का समर्थन करते हुए कहा, "हम टीसीएस कर्मचारी के साथ एकजुटता से खड़े हैं, जो अपने बकाया वेतन के लिए पुणे कार्यालय के बाहर विरोध कर रहे हैं। ऐसी कठिन परिस्थितियों में उनकी आवाज़ उठाने का साहस काबिल-ए-तारीफ़ है। हालांकि, सैलरी में देरी और नौकरी से जुड़ी समस्याओं की शिकायत श्रम विभाग में दर्ज कराना भी ज़रूरी है। विरोध प्रदर्शन एक मजबूत संदेश देता है, लेकिन कानूनी शिकायत के साथ इसे जोड़ने से मामला और प्रभावी होगा और जवाबदेही तय होगी।"
इसके जवाब में टीसीएस ने एक आधिकारिक बयान जारी किया और कहा कि यह मामला कर्मचारी की "अनऑथराइज्ड एब्सेंस" यानी बिना किसी जानकारी के छुट्टी पर रहने के कारण हुआ। कंपनी ने आगे कहा, "स्टैंडर्ड प्रोसीजर के तहत इस टाइम की सैलरी रोक दी गई। अब कर्मचारी ने वापस आकर अपनी बहाली का अनुरोध किया है। हमने उसे फिलहाल आवास उपलब्ध कराया है और उसकी स्थिति को सुलझाने में मदद कर रहे हैं।"