अपने घर और अपने कामों मश्गुल हम कभी ये सोच नहीं सकते है, कब और कौन सी आसमानी आफत बहुत चुपचाप से हमारी तरफ बढ़ रही है। ऐसा ही कुछ बुधवार 3 सितंबर को हुआ जब ‘2025 QD8’ नाम का क्षुद्रग्रह तकरीबन 45,000 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से धरती के पास से गुजर गया। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी नासा को धरती की तरफ बढ़ रहे एक आकाशीय खतरे को बेहतर करीब से गुजरते हुए देखने का अनुभव हाल ही में हुआ है। यह एस्टरॉएड 38 मीटर चौड़ा बताया जा रहा है। यह चंद्रमा से भी ज्यादा करीब से धरती के पास से गुजरा है और अब भी चंद्रमा की कक्षा में मौजूद है। मलबे के ढेर जैसा लगने वाला ये क्षुद्रग्रह अगर धरती से टकराता तो एक शहर को नष्ट करने का समर्थ्य रखता था।
नासा का सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज और प्लेनेटरी डिफेंस कोऑर्डिनेशन ऑफिस लगातार ऐसे खगोलीय पिंडों पर नजर रखते हैं, जो धरती के लिए खतरा बन सकते हैं। ‘2025 QD8’ क्षुद्रग्रह ऐसा ही एक ऑब्जेक्ट था, जिस पर नासा का ये संस्थान लगातार नजर बनाए हुए थे। इसने एक वक्तव्य जारी कर बताया कि धरती की तरफ जबरदस्त रफ्तार से बढ़ रहा ये खतरा बिना कोई नुकसान पहुंचाए गुजर गया है। ये धरती 2,18,000 किमी की दूरी से गुजरा है। नासा ने इस दुर्लभ नजारे को अपने यू-ट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम भी किया था। नासा ने इसे ‘नियर अर्थ ऑब्जेक्ट’ की श्रेणी में रखा है। इस श्रेणी में उन खगोलीय पिंडों को रखा जाता है, जो धरती के बेहद करीब से गुजरते हैं। नासा ने अब पुष्टि की है कि ये ऑब्जेक्ट धरती के लिए खतरा नहीं था। बल्कि इससे उसके वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष से आने वाली चीजों के बेहतर अध्ययन का मौका मिला है।
नासा के मुताबिक 140 मीटर के आकार से छोटे एस्टरॉएड धरती के लिए बड़ा खतरा नहीं बनते हैं। हालांकि, इनकी गतिविधियों पर नजर रखना जरूरी है। साथ ही, ये वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में मौजूद एस्टेरॉएड की बनावट का अध्ययन करने का मौका देते हैं। लेकिन धरती को हर तरह के खगोलीय खतरे से बचाने के लिए नासा का सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज और प्लानेटरी डिफेंस कोऑर्डिनेशन ऑफिस लगातार ऐसे पिंडों की निगरानी करता रहता है।
इससे पहले भी एक 11 मीटर चौड़ा एस्टरॉएड ‘2025 QV5’ धरती से करीब 8 लाख किमी की दूरी से गुजरा था। ये छोटे आकार का एस्टरॉएड था। नासा के मुताबिक अब अगले 100 साल तक ऐसा कोई ज्ञात एस्टरॉएड नहीं है जिसकी धरती से टकराने की आशंका हो।