Lunar Eclipse 2025: इस रविवार यानी 7 सितंबर की रात में एक अहम खगोलीय घटना होने जा रही है। इस दिन भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि होगी और सूर्य, चंद्रमा के साथ धरती एक सीध में आएंगे। ये ऐसी स्थिति होगी, जिसमें धरती सूरज और चंद्रमा के बीच आ जाएगी, जिससे पूर्ण चंद्र ग्रहण का नजारा देखने को मिलेगा। लेकिन धरती की छाया पड़ने से चांद गायब नहीं होगा, बल्कि लाल हो जाएगा। इसी वजह से इसे 'ब्लड मून' कहा जाता है। गुस्से से नहीं, धरती के वायु मंडल से छन कर आ रही सूरज की लाल और नारंगी किरणों की वजह से।
चंद्रमा के लाल होने की वजह से इसे ब्लड मून कहा जा रहा है। दुनिया के कुछ हिस्सों में सितंबर की पहली पूर्णिमा के चांद को ‘कॉर्न मून’ कहा जाता है। इसका कारण भी बहुत दिलचस्प है। दरअसल, उत्तर अमेरिका जैसे देशों में ये समय मक्के की कटाई का होता है। इसलिए सितंबर की पहली पूर्णिमा के चंद्रमा को ‘कॉर्न मून’ कहा जाता है। इस बार चूंकि पूर्ण चंद्र ग्रहण भी हो जा रहा है, इसलिए इन क्षेत्रों में इसे ‘फुल कॉर्न मून एक्लिप्स’ भी कहा जा रहा है।
सितंबर के चंद्रमा के कितने नाम ?
अभी ऊपर आपने ब्लड मून और कॉर्न मून के बारे में पढ़ा है। लेकिन सितंबर के महीने में होने वाली पूर्णिमा के चांद को दुनिया के अलग-अलग हिस्सा में अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। सितंबर की पूर्णिमा के चांद को ‘कॉर्न मून’ नाम उत्तर अमेरिका की जनजातियों द्वारा दिया गया है। इसी तरह से सितंबर इक्विनॉक्स (शरदविषुव) के आसपास होने वाली सबसे निकटतम पूर्णिमा को ‘हार्वेस्ट मून’ कहते हैं। पश्चिमी देशों में चंद्रमा को ये नाम स्थानीय जनजातियों ने दिया है, क्योंकि वहां से फसल की कटाई का समय होता है और इस समय की पूर्णिमा का चांद अधिक चमकीला होता है। इससे उन्हें रात में फसल काटने में मदद मिलती थी। इसके अलावा सितंबर की पूर्णिमा के चांद को वाई मून, सॉन्ग मून और बार्ली मून भी कहते हैं। कनाडा और उत्तर अमेरिका के कुछ देशों में इस चंद्रमा को ‘वाबाबागा गिजिस’ यानी बदलते पत्तों का चंद्रमा नाम दिया गया है।
क्यों लाल हो जाता है चांद
8 नवंबर 2022 के बाद सबसे लंबा चंद्र ग्रहण
इसी साल की शुरुआत में भी पूर्ण चंद्र ग्रहण पड़ा था, जो अमेरिका आदि देशों में देखा गया था। ये चंद्र ग्रहण 65 मिनट तक चला था। आने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण को 14 मार्च 2025 के पूर्ण चंद्र ग्रहण जैसा ही बताया जा रहा है, लेकिन ये 82 मिनट तक रहेगा। इसे 8 नवंबर 2022 के बाद का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है।