बरसात का मौसम अपने साथ ठंडी फुहारें और ताजगी तो लाता है, लेकिन साथ ही कई तरह के खतरे भी लेकर आता है। इस मौसम में सबसे ज़रूरी है घर के अंदर और बाहर सफाई और सतर्कता बनाए रखना। छोटी-सी लापरवाही, जैसे बिना बिस्तर झाड़े सो जाना, आपके लिए बड़ी समस्या बन सकती है। बरसात के दिनों में कई जीव-जंतु अपने ठिकानों से बाहर निकल आते हैं और घरों तक पहुंच जाते हैं। यही वजह है कि इस समय विशेष सावधानी बरतना और आदतों को सही रखना बहुत जरूरी है। अगर आप हल्के में लेंगे तो ये लापरवाहियां आपको परेशानी में डाल सकती हैं।
बरसात के मौसम में चैन से सोना चाहते हैं तो छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज न करें और हर कदम पर सतर्क रहें। यही सावधानियां आपको सुरक्षित रखेंगी और इस मौसम का असली मजा लेने देंगी।
बारिश में सांपों की सक्रियता बढ़ जाती है
वन्यजीव विशेषज्ञों के मुताबीक, बरसात में जब जगह-जगह पानी भर जाता है, तो सांप अपने बिल छोड़कर सूखी और गर्म जगह की तलाश में निकल पड़ते हैं। इसी दौरान कॉमन करैत जैसे जहरीले सांप भी घरों तक पहुंच जाते हैं। ये सांप बिस्तर तक चढ़कर सोते हुए इंसान को डसने के लिए कुख्यात माना जाता है।
कॉमन करैत भारत के चार सबसे जहरीले सांपों में गिना जाता है। इसकी खासियत है कि ये काटते समय दर्द या निशान नहीं छोड़ता, जिससे इंसान को पता भी नहीं चलता। इसका जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है, जो सीधे नसों पर हमला करता है और सांस लेने की क्षमता को प्रभावित कर देता है। यही वजह है कि कई बार लोग नींद में ही मौत का शिकार हो जाते हैं।
क्यों आसान होता है इसका घरों तक पहुंचना
ये सांप ठंडे खून वाला होता है और गर्म जगह पसंद करता है। यही कारण है कि ये रात में ज्यादा सक्रिय रहता है। चूहे, छिपकली और मेंढक इसका भोजन हैं, इसलिए जहां ये जीव मिलते हैं, वहां करैत आने की संभावना अधिक रहती है। ये ऊंचे स्थानों तक आसानी से चढ़ सकता है और इंसानी शरीर से निकलने वाली गर्मी की ओर आकर्षित होकर बिस्तर तक पहुंच जाता है।
बरसात के दिनों में सांपों से बचाव का सबसे आसान तरीका है सतर्क रहना। सोने से पहले हमेशा बिस्तर, तकिया और चादर अच्छी तरह झाड़ लें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। फर्श पर सोने से बचें और घर के आस-पास साफ-सफाई का ध्यान रखें। चूहे और छिपकलियों को दूर रखने की कोशिश करें क्योंकि सांप अक्सर इन्हीं के पीछे घर में घुसते हैं। छोटी-छोटी सावधानियां बरसात में आपकी जान बचा सकती हैं।