पंजाब में इंसानियत की मिसाल, बाढ़ में सड़क बही तो ग्रामीणों ने बच्चों के लिए बनाया 'मानव पुल', वीडियो वायरल

Punjab News: स्कूल से घर लौटते बच्चों को एक तरफ फंसा देखकर, सुखविंदर और एक अन्य व्यक्ति ने तुरंत एक मानव पुल बना लिया और दोनों तरफ के दो आदमियों ने बच्चों को उस पर चढ़ने और उतरने में मदद की

अपडेटेड Jul 25, 2025 पर 4:32 PM
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बुधवार सुबह मल्लेआना गांव के बच्चे जब स्कूल बस से गए, तो सड़क मौजूद थी, लेकिन दोपहर में जब वे वापस लौटे, तो सड़क गायब हो चुकी थी

Human Bridge: पंजाब के मोगा जिले में मल्लेआना गांव से एक गजब की तस्वीर सामने आई है। दरअसल अचानक आई बाढ़ में गांव की मेन सड़क बह गई। बच्चों को स्कूल से वापस आने के लिए उसी रास्ते से गुजरना था। सड़क बह जाने के बाद रोड के बीच में पानी का तेज बहाव हो रहा था। इसके बाद ग्रामीणों ने स्कूल के बच्चों को तेज पानी से सुरक्षित निकालने के लिए एक 'मानव पुल' बना दिया। चंडीगढ़ से लगभग 160 किलोमीटर पश्चिम में स्थित मल्लेआना गांव में कमर तक गहरे पानी में दो आदमी झुककर एक-दूसरे से जुड़ गए, ताकि बच्चे उनकी पीठ पर चलकर सुरक्षित पार जा सकें। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। मानव पुल बनाने वाले दोनों व्यक्ति 'इंटरनेट सेलेब्रिटी' बन गए।

भारी बारिश के कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में नदियां और नहरें उफान पर है। बुधवार सुबह मल्लेआना गांव के बच्चे जब स्कूल बस से गए, तो सड़क मौजूद थी, लेकिन दोपहर में जब वे वापस लौटे, तो सड़क गायब हो चुकी थी। दरअसल निहाल सिंह वाला उपखंड में मल्लेआना और रसूलपुर गांवों (45 किमी दूर) के बीच का मुख्य रास्ता बाढ़ के तेज पानी से कट गया था। मानव पुल बनाने वाले सुखविंदर ने बताया कि, 'हम गांव के लोग हैं। यह हमारे लिए स्वाभाविक है। बस किसी ने वीडियो बना लिया और वह बाहर तक पहुंच गया'।

जान जोखिम में डालकर बच्चों को बचाया


कई गाड़ियां और लोग 8 फुट के कटाव के दोनों ओर फंसे हुए थे। स्कूल बस में सवार मल्लेआना के बच्चे भी इसी तरह फंसे हुए थे। सुखविंदर उन लोगों के समूह में थे जो कटाव को भरने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दोनों तरफ खेतों में पानी भरने और अधिक बाढ़ का पानी आने के कारण यह असंभव साबित हो रहा था। घर लौटते बच्चों को एक तरफ फंसा देखकर, सुखविंदर और एक अन्य व्यक्ति ने तुरंत एक मानव पुल बना लिया, जबकि दोनों तरफ के दो आदमियों ने बच्चों को उस पर चढ़ने और उतरने में मदद की।

सुखविंदर ने बताया, 'जब हमने देखा कि स्कूली छात्रों और शिक्षकों को परेशानी हो रही थी, तो हमने उनकी मदद करने का फैसला किया। हम में से दो लोग झुक गए और एक पुल बनाया, जिससे वे हमारे ऊपर से चलकर पार जा सकें। यह कोई बड़ी बात नहीं है'।

Abhishek Gupta

Abhishek Gupta

First Published: Jul 25, 2025 4:29 PM

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