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गिरफ्तारी, वीजा रद्द, परिवार संकट में! 'Opium' परफ्यूम की बोतल को लेकर भारतीय मूल के कपिल रघु गिरफ्तार अब डिपोर्ट किए जाने का खतरा

कपिल रघु एक भारतीय मूल के व्यक्ति और फूड डिलीवरी ड्राइवर, को 3 मई को बेंटन पुलिस ने मामूली ट्रैफिक उल्लंघन में रोक लिया था। पुलिस ने उनकी कार के सेंटर कंसोल में "Opium" नाम का एक छोटा बोतल देखा और इसे ड्रग्स समझ लिया, जबकि रघु लगातार समझाते रहे कि वह सिर्फ परफ्यूम है

अपडेटेड Oct 07, 2025 पर 8:03 PM
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'Opium' परफ्यूम की बोतल को लेकर भारतीय मूल के कपिल रघु गिरफ्तार अब डिपोर्ट किए जाने का खतरा

अर्कांसस में एक भारतीय मूल का व्यक्ति अपने अमेरिकी वीजा को बहाल करने के लिए लड़ रहा है, क्योंकि उसकी गिरफ्तारी एक डिजाइनर परफ्यूम की बोतल के साथ गलत तरीके से हुई थी। कपिल रघु, जो अपनी अमेरिकी पत्नी के साथ बेंटन में रहते हैं, उन्होंने पुलिस ने कथित तौर पर "ओपियम" लेबल वाले परफ्यूम को बैन किया गया नशीला पदार्थ समझ लिया और उन्हें हिरासत में ले लिया। यह गलतफहमी कानूनी और इमिग्रेशन संकट में बदल गई है, जिसके कारण अब उन्हें उस देश से डिपोर्ट किए जाने का खतरा पैदा हो गया है, जिसे वे अपना घर कहते हैं।

कपिल रघु एक भारतीय मूल के व्यक्ति और फूड डिलीवरी ड्राइवर, को 3 मई को बेंटन पुलिस ने मामूली ट्रैफिक उल्लंघन में रोक लिया था। पुलिस ने उनकी कार के सेंटर कंसोल में "Opium" नाम का एक छोटा बोतल देखा और इसे ड्रग्स समझ लिया, जबकि रघु लगातार समझाते रहे कि वह सिर्फ परफ्यूम है।

ड्रग्स रखने के शक में गिरफ्तार 


पुलिस बॉडीकैम फुटेज में दिखा कि एक अफसर बोले, “आपके सेंटर कंसोल में अफीम की एक बोतल थी।” रघु ने पूरा सहयोग किया, लेकिन उन्हें ड्रग्स रखने के शक में गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में लैब जांच में यह साफ हुआ कि बोतल में कोई नशीला पदार्थ नहीं था, केवल परफ्यूम था।

स्टेट क्राइम लैब की जांच से साबित हुआ कि रघु के पास जो बोतल थी, उसमें कोई नशीला पदार्थ नहीं था, वो पूरी तरह सुरक्षित थी। लेकिन टेस्ट रिपोर्ट आने से पहले ही रघु को तीन दिन सेलाइन काउंटी जेल में रहना पड़ा, इसी दौरान US इमिग्रेशन अफसरों को उनके वीजा फाइल में एक पेपरवर्क की गलती मिली। उनके वकील माइक ल्यूक्स ने बताया कि यह गलती रघु के पहले वकील की एडमिनिस्ट्रेटिव गलती थी।

रघु को डिपोर्टेशन का स्टेटस मिला

गिरफ्तारी के बाद रघु को लुइसियाना में फेडरल ICE फैसिलिटी में ट्रांसफर किया गया और वहां 30 दिन हिरासत में रखा गया। 20 मई को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने ड्रग्स का केस खारिज कर दिया, लेकिन तब तक रघु का वीजा रद्द हो चुका था, जिससे अब उनके पास लीगल स्टेटस नहीं है।

अब रघु को डिपोर्टेशन का स्टेटस मिल गया है। मतलब उन्हें किसी भी छोटे उल्लंघन, जैसे सड़क पार करने की गलती पर भी, तुरंत देश से बाहर निकाला जा सकता है।

लेकिन गिरफ्तारी के दौरान रघु की वीजा स्थिति में एक लीगल खामीं पाई गई, जिससे उनका वीजा रद्द हो गया और उन्हें ICE ने 30 दिन हिरासत में रखा। कोर्ट ने बाद में उनके खिलाफ ड्रग्स के आरोप हटा दिए, लेकिन अब रघु को डिपोर्ट होने का खतरा है और उनकी नौकरी व परिवार की स्थिति काफी कठिन हो गई है। रघु और उनकी पत्नी ने बताया कि यह अनुभव बहुत तनावपूर्ण रहा, उनका परिवार आर्थिक और भावनात्मक संकट से गुजर रहा है।

परिवार के लिए स्थिति मुश्किल

यह स्थिति उनके लिए और उनके परिवार के लिए बहुत परेशानी भरी है, क्योंकि वे अब काम भी नहीं कर सकते और आर्थिक हालत मुश्किल में है।

कपिल रघु ने ICE के कानूनी कार्यालय को एक पत्र लिखकर अपना वीजा बहाल करने की अपील की, जिसमें उन्होंने कहा कि यह समस्या देरी से पेश किए गए कागजात के कारण हुई।

उन्होंने लिखा, “बढ़ते कानूनी खर्च और परिवार की मदद न कर पाने का दबाव हमारे परिवार के लिए बहुत मुश्किल स्थिति पैदा कर रही है। मेरी पत्नी पूरा आर्थिक बोझ उठा रही हैं।”

हमारी पूरी बचत भी खत्म हो गई: रघु की पत्नी

रघु की पत्नी अल्हले मेस ने इस घटना को भावनात्मक और आर्थिक रूप से विनाशकारी बताया। उनकी शादी अप्रैल में हुई थी और तब से उनकी बचत, जो नए घर के लिए थी, पूरी तरह खत्म हो गई है। मेस ने कहा, “यह सिर्फ कपिल और मेरे लिए नहीं, बल्कि मेरी बेटी के लिए भी बहुत बड़ा झटका है, जो उन्हें एक पिता के रूप में देखती है।” उन्होंने जोर देकर कहा, “यह बस कोलोन था… अब अगर कोई पुलिस वाला मेरे पीछे आ जाता है, तो मैं घबरा जाती हूं।

कपिल रघु के वकील ने बेंटन पुलिस पर अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वियना कन्वेंशन ऑन कंसुलर रिलेशंस के तहत गिरफ्तारी के बाद भारतीय वाणिज्य दूतावास को सूचित करना अनिवार्य था, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया। वकील ने कहा, “ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था। यह स्पष्ट रूप से लापरवाही का मामला है।”

अमेरिकी विदेश विभाग और आप्रवासन नियंत्रण एजेंसी ICE के नियामक, विदेशी मामलों के विभाग (DHS), ने अब तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इस बीच, रघु अपने वीजा बहाली के अनुरोध पर जवाब का इंतजार कर रहे हैं, जिस पर उनका भविष्य अमेरिका में टिका हुआ है।

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