अफगानिस्तान में तालिबानी कानून का आतंक, हत्या के आरोपी को 80,000 लोगों के सामने पहले गोली मारी फिर लटका दिया फांसी पर

Taliban Public Execution: रिपोर्टों के अनुसार, आरोपी मंगल को पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार द्वारा गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया, जिसकी हत्या का उसे दोषी ठहराया गया था। स्थानीय सूत्रों के हवाले से अमू न्यूज ने बताया कि मंगल की हत्या कथित तौर पर पीड़ितों के परिवार के एक 13 वर्षीय लड़के ने की

अपडेटेड Dec 03, 2025 पर 9:11 AM
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मंगल नामक व्यक्ति को अब्दुल रहमान और महिलाओं तथा बच्चों सहित 12 अन्य लोगों की हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई गई थी

Afghanistan: अफगानिस्तान से एक दर्दनाक तस्वीर सामने आई है। एक स्पोर्ट्स स्टेडियम में तालिबान के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से पहले गोली मारी गई फिर फांसी दी गई, जिसे लगभग 80,000 लोगों ने देखा। अफगानिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक बयान के अनुसार, मंगल नामक व्यक्ति को अब्दुल रहमान और महिलाओं तथा बच्चों सहित 12 अन्य लोगों की हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई गई थी। अफगानिस्तान में ऐसी सजा चार साल पहले अमेरिकी और नाटो सेनाओं की अराजक वापसी के बाद सख्ती से लागू किए गए शरिया कानून की वापसी को दिखाती है।

कोर्ट के बयान में कहा गया है कि यह आदेश अफगानिस्तान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा द्वारा अनुमोदित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा X पर पोस्ट किए गए बयान में कहा गया है, 'पीड़ित परिवार को क्षमा और सुलह का विकल्प दिया गया था, लेकिन उनके इनकार करने और किसास (Qisas) पर जोर देने के बाद, किसास के ईश्वरीय शासन को लागू करने का आदेश जारी किया गया।' अफगान रिपोर्टों के अनुसार, विभिन्न तालिबान अधिकारियों और पीड़ितों के परिवार सहित लगभग 80,000 लोग इस फांसी को देखने के लिए मौजूद थे।


पीड़ित परिवार के सदस्य ने मारी गोली

रिपोर्टों के अनुसार, मंगल को उस परिवार के एक रिश्तेदार द्वारा गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया, जिसकी हत्या का उसे दोषी ठहराया गया था। स्थानीय सूत्रों के हवाले से अमू न्यूज ने बताया कि मंगल की हत्या कथित तौर पर पीड़ितों के परिवार के एक 13 वर्षीय लड़के ने की। TOLO न्यूज ने फांसी के एक गवाह के हवाले से बताया, वे हत्यारे को सबके सामने लाए। डॉक्टर आए और अपनी प्रक्रियाएं पूरी कीं। फिर शिकायतकर्ता आया और, शरिया जो अनुमति देता है, उसके अनुसार उस पर गोली चलाई और उसे मार डाला।'

अन्य दोषियों की सजा स्थगित

मंगल के साथ-साथ, कथित तौर पर उसके दो बेटों को भी दोषी ठहराया गया था, लेकिन उनकी सजा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। शीर्ष अदालत द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि चूंकि पीड़ितों के कुछ वारिस देश से बाहर रहते हैं और उपस्थित नहीं थे, इसलिए शरिया प्रावधानों के अनुसार, उन अपराधियों के खिलाफ किसास के ईश्वरीय शासन को लागू करना पीड़ितों के वारिसों की उपस्थिति तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

संयुक्त राष्ट्र ने की घोर निंदा

सार्वजनिक फांसी से ठीक पहले, संयुक्त राष्ट्र के अफगानिस्तान के लिए विशेष दूत रिचर्ड बेनेट ने X पर इसे रोकने का आह्वान किया था। उन्होंने पोस्ट किया, 'सार्वजनिक फांसी अमानवीय, एक क्रूर और असामान्य सजा है, और अंतर्राष्ट्रीय कानून के विपरीत है।' यूएन अधिकारी ने कहा कि 'इस तरह फांसी की सजा देना मानवाधिकारों और गरिमा का घोर उल्लंघन हैं, और इस्लामी कानून के साथ असंगत हैं।'

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