Indian arrested in Canada: कनाडाई अधिकारियों ने पील क्षेत्र में एक्टिव एक व्यापक डाक-चोरी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। कथित तौर पर इस रैकेट से जुड़े 8 भारतीय मूल के युवकों को गिरफ्तार किया गया है। कनाडा की पुलिस ने डाक के जरिए मिलने वाले क्रेडिट कार्ड और चेक की चोरी के मामले में भारतीय मूल के आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। उन पर 300 से अधिक आरोप लगाए गए हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि आरोपियों में से कुछ निर्वासन का सामना कर रहे हैं।
‘CTV News’ की खबरों के अनुसार, पील पुलिस ने संदिग्धों से 4,00,000 कनाडाई डॉलर (लगभग 2.5 करोड़ रुपये) से अधिक के 450 से ज्यादा चोरी के क्रेडिट कार्ड और चेक बरामद किए गए हैं। रिपोर्ट में शुक्रवार को जारी एक पुलिस न्यूज विज्ञप्ति के हवाले से कहा गया है, "जांच में पता चला कि कुछ लोग मिलकर आवासीय मेलबॉक्स को निशाना बना रहे थे। वे बड़े पैमाने पर चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे, जिससे समुदाय के सदस्यों को परेशानी हुई।"
पील पुलिस, हाल्टन पुलिस और कनाडा पोस्ट ने क्षेत्र में डाक चोरी की सिलसिलेवार घटनाएं रिपोर्ट कीं। इसकी जांच के लिए अप्रैल में 'ऑपरेशन अनडिलीवरेब (Operation Undeliverable)' नामक एक संयुक्त अभियान शुरू किया था। इस कार्रवाई के तहत 8 और 9 सितंबर को मिसिसॉगा में राइनबैंक स्ट्रीट, ब्रैंडन गेट ड्राइव, ड्विगिन एवेन्यू और किटरिज ड्राइव सहित कई स्थानों पर छापे मारे गए।
जांचकर्ताओं ने 450 से अधिक चोरी के डाक के टुकड़े जब्त किए, जिनकी कीमत 400,000 कनाडाई डॉलर से ज्यादा थी। बरामद की गई चीजों में 255 चेक, 182 क्रेडिट कार्ड, 35 सरकारी पहचान पत्र और 20 गिफ्ट कार्ड शामिल थे। पुलिस ने कहा, "जांच में पता चला कि कुछ लोग मिलकर रेजिडेंशियल मेलबॉक्स को निशाना बना रहे थे। इसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर चोरी हुई और समुदाय के सदस्यों के लिए व्यवधान पैदा हुआ।"
पुलिस ने संदिग्धों की पहचान सुमनप्रीत सिंह, गुरदीप चट्ठा, जशनदीप जट्टाना, हरमन सिंह, जसनप्रीत सिंह, मनरूप सिंह, राजबीर सिंह और उपिंदरजीत सिंह के रूप में की है। CBC न्यूज की शुक्रवार की खबर के अनुसार, 21 से 29 साल की उम्र के आठ संदिग्धों पर सामूहिक रूप से 344 आरोप दर्ज हैं।
पुलिस का कहना है कि वे क्राउन अटॉर्नी कार्यालय और कनाडा सीमा सेवा एजेंसी के साथ आरोपियों में शामिल कुछ विदेशी नागरिकों के निर्वासन पर चर्चा कर रहे हैं। हाल्टन और पील क्षेत्रों में डाक चोरी की कई शिकायतों के बाद महीनों तक चली जांच के बाद ये गिरफ्तारियां हुईं।