Credit Cards

चीन का फिस्कल रेवेन्यू मार्च तिमाही में 1.1% घटा, टैक्स रेवेन्यू में 3.5% की गिरावट

हाल के आंकड़े चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत देते हैं। फिलहाल चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बढ़ते ट्रेड वॉर से बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहा है। पॉलिसीमेकर्स ने बार-बार कहा है कि देश के पास अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए पर्याप्त गुंजाइश और टूल हैं

अपडेटेड Apr 19, 2025 पर 6:11 PM
Story continues below Advertisement
जनवरी से मार्च की अवधि में राजकोषीय खर्च में सालाना आधार पर 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

चीन का फिस्कल रेवेन्यू जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में 6 लाख करोड़ युआन (821.54 अरब डॉलर) रहा। यह एक साल पहले की तुलना में 1.1 प्रतिशत कम है। रॉयटर्स के मुताबिक, चीन के वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों से यह बात सामने आई है। 2025 के पहले दो महीनों में फिस्कल रेवेन्यू 1.6 प्रतिशत घटा था। मंत्रालय का कहना है कि मार्च 2025 तिमाही में चीन के टैक्स रेवेन्यू में सालाना आधार पर 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं नॉन-टैक्स रेवेन्यू में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

जनवरी से मार्च की अवधि में राजकोषीय खर्च में सालाना आधार पर 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। चीन ने इस साल ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) के लगभग 4 प्रतिशत के बजट घाटे का लक्ष्य रखा है, जो अब तक का सबसे अधिक है। ऐसा इसलिए ताकि चीन को 5 प्रतिशत के अपने ग्रोथ टारगेट को हासिल करने में मदद मिल सके। हालांकि एनालिस्ट्स का मानना ​​है कि भारी अमेरिकी टैरिफ के सामने इसे हासिल करना मुश्किल हो सकता है।

फिच ने हाल ही में घटाई सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग


रॉयटर्स के मुताबिक, अप्रैल महीने की शुरुआत में वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने चीन की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को घटा दिया। फिच ने तेजी से बढ़ते सरकारी कर्ज और पब्लिक फाइनेंस के लिए जोखिम का हवाला दिया, जिससे व्यापार में गिरावट से बचने के लिए खपत बढ़ाने की कोशिश कर रहे पॉलिसीमेकर्स के लिए संतुलन बनाना मुश्किल हो गया। हाल के आंकड़े चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत देते हैं। फिलहाल चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बढ़ते ट्रेड वॉर से बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहा है।

Indian student Death: कनाडा के हैमिल्टन में दिल दहला देने वाली वारदात, भारतीय छात्रा की गोली मारकर हत्या

उपभोक्ता कीमतों में लगातार दूसरे महीने गिरावट

मार्च में चीन के नए बैंक ऋण और निर्यात ने अनुमानों को पीछे छोड़ दिया। लेकिन उपभोक्ता कीमतों में लगातार दूसरे महीने गिरावट और फैक्ट्री-गेट डिफ्लेशन के बिगड़ने के कारण डिफ्लेशनरी का दबाव बना रहा। कोविड-19 के बाद से चीन की इकोनॉमिक रिकवरी, सरकारी प्रोत्साहन के बावजूद अस्थिर रहा है। इसकी वजह है कि प्रॉपर्टी मार्केट में वर्षों से जारी संकट और नए डिफ्लेशनरी प्रेशर के कारण आत्मविश्वास कमजोर है और घरेलू मांग सुस्त बनी हुई है। पॉलिसीमेकर्स ने बार-बार कहा है कि देश के पास अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए पर्याप्त गुंजाइश और टूल हैं।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।