गाजा शांति समझौते के बाद अब हमास ने सभी 20 इजरायली बंधकों को रिहा कर दिया है। इन्हें 7 और 13 के दो बैच में छोड़ा गया। हमास ने इन्हें रिहा कर रेडक्रॉस को सौंपा। इसके बाद इजराइली सेना के हवाले किया गया। सभी बंधक इजरायल पहुंच चुके हैं। हमास के पास अब कोई भी जिंदा इजराइली बंधक नहीं है। हमास आज ही 28 इजराइली शवों को भी सौपेगा। इसके बदले में इजरायल आज 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
हमास के 13 बचे हुए बंधकों को रिहा करने के बाद अब कोई भी जिंदा बंधक उसके कब्जे में नहीं है। इजरायली मीडिया के मुताबिक हमास के कब्जे में अभी भी 28 बंधकों के शव हैं। इसके साथ ही नेपाली बंधक बिपिन जोशी के जिंदा बचने की संभावना खत्म हो गई है। बिपिन एकमात्र हिंदू बंधक थे।
वहीं रिहा किए गए बंधकों की पहली तस्वीरें भी सामने आ गई हैं। इन बंधकों को पहले रेड क्रॉस के हवाले किया गया, जिसके बाद उन्हें गाज़ा सीमा के पास इज़राइली सेना ने अपने परिवारों से मिलवाया। रिहाई के पहले चरण में रेड क्रॉस ने सात इजरायली बंधकों को इजरायली बलों को सौंपा। इस कदम के साथ ही गाज़ा युद्धविराम समझौते के तहत हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की वापसी अभियान शुरू हो गया है।
फिलिस्तीनी बंधक भी किए जा रहे रिहा
रेड क्रॉस के अनुसार, बाकी 13 बंधकों को भी उनकी हिरासत में लिया गया है और वे अब गाजा में आईडीएफ और आईएसए बलों के पास पहुंच रहे हैं। हमास ने 738 दिनों की कैद के बाद सात इजरायली बंधकों - जिव और गली बर्मन, मतन अंगरेस्ट, एतान मोर, ओमरी मीरान, गाय गिल्बोआ-दलाल और एलन ओहेल को रिहा कर दिया है। ये सभी उन 20 जिंदा बंधकों हैं, जिन्हें अमेरिका की मध्यस्थता से हुए युद्धविराम समझौते के पहले चरण में वापस लाया जा रहा है। इसके बदले में इजरायल की जेलों में बंद लगभग 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने की तैयारी की जा रही है।
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इजरायल पहुंच गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइली संसद (नेसेट) के अध्यक्ष ने उनका स्वागत किया और ट्रंप ने गेस्ट बुक में संदेश भी लिखा। ट्रंप ने लिखा कि, “यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है – एक महान और सुंदर दिन। एक नई शुरुआत।” गौरतलब है कि नेसेट में भाषण देने वाले आखिरी अमेरिकी राष्ट्रपति 2008 में जॉर्ज डब्ल्यू. बुश थे।