Iran-Israel War: ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर इजरायल का फिर भयानक हमला, सरकारी इमारतों को भी बनाया निशाना

Iran-Israel War: ईरान के सरकारी टेलीविजन ने बताया कि फोर्डो स्थित परमाणु केंद्र रविवार को हुए हमले में भी प्रभावित हुआ था। फिर सोमवार को इस न्यूक्लियर साइट पर फिर से हमला किया गया। इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है कि हमला किसने किया और कितना नुकसान हुआ। हालांकि इजरायल ने पहले कहा था कि वह ईरान पर हवाई हमले कर रहा है

अपडेटेड Jun 23, 2025 पर 4:43 PM
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Iran-Israel War: फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर सोमवार (23 जून) को फिर से हमला किया गया

Iran-Israel War News: अमेरिका के बाद अब इजरायल की तरफ से ईरान के फोर्डो में स्थित अंडरग्राउंड न्यूक्लियर साइट पर सोमवार (23 जून) को फिर से हमला किया गया। इसके जवाब में ईरान ने भी इजरायल पर मिसाइलों और ड्रोनों की बौछार कर दी। साथ ही ईरान ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा ईरानी परमाणु स्थलों पर बड़े पैमाने पर किए गए हमलों के मद्देनजर अब उसकी सेना को अमेरिकी ठिकानों पर हमला करने की खुली छूट मिल गई है। रविवार को ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर हमलों के साथ अमेरिका ने खुद को इजरायल के युद्ध में शामिल कर लिया। इससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंकाएं पैदा हो गई हैं।

ईरान के सरकारी टेलीविजन ने बताया कि फोर्डो स्थित परमाणु केंद्र रविवार को हुए हमले में भी प्रभावित हुआ था। फिर सोमवार को इस न्यूक्लियर साइट पर फिर से हमला किया गया। इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है कि हमला किसने किया और कितना नुकसान हुआ। हालांकि इजरायल ने पहले कहा था कि वह ईरान पर हवाई हमले कर रहा है।

वियना में संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था के प्रमुख ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रविवार को अमेरिका द्वारा बंकर-बस्टर बमों से किए गए हवाई हमले के बाद फोर्दो स्थित परमाणु केंद्र में भारी क्षति हुई होगी। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा, "उपयोग किए गए विस्फोटक पेलोड को देखते हुए ... बहुत अधिक क्षति ... होने की आशंका है।"


ईरान ने कहा कि अमेरिका ने मिसाइलों और 30,000 पाउंड के बंकर-बस्टर बमों से तीन स्थलों पर हमला करने के अपने जोखिम भरे कदम से लक्ष्मण रेखा पार कर दी है। इजरायल ने कहा कि उसकी रक्षा प्रणालियां लेटेस्ट ईरानी खतरे को रोकने के लिए काम कर रही थीं, जिसने जाहिर तौर पर देश के उत्तरी और मध्य क्षेत्रों को निशाना बनाया। इजरायल ने लोगों को आश्रय स्थलों में जाने के लिए कहा है।

ईरानी सरकारी टेलीविजन के अनुसार, ईरान ने इस हमले को अपने ऑपरेशन 'ट्रू प्रॉमिस 3' की नई लहर बताया। उसने कहा कि यह इजरायली शहरों हाइफा और तेल अवीव को निशाना बना रहा था। यरुशलम में भी विस्फोटों की आवाज सुनी गई। हालांकि, नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है।

ईरान में चश्मदीदों ने बताया कि सोमवार दोपहर में ईरानी राजधानी तेहरान के आसपास के इलाकों में इजरायली हवाई हमले हुए। यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि किस चीज को निशाना बनाया गया था। वियना में ग्रॉसी ने कहा, "इस समय आईएईए सहित कोई भी फोर्डो न्यूक्लियर साइट में भूमिगत क्षति का पूरी तरह से आकलन करने की स्थिति में नहीं है।"

ईरान ने अमेरिका को दी धमकी

सोमवार को ईरानी सैन्यकर्मियों के संयुक्त प्रमुख जनरल अब्दुलरहीम मौसवी ने वाशिंगटन को चेतावनी दी कि उसके हमलों ने ईरानी बलों को अमेरिकी हितों और उसकी सेना के खिलाफ कार्रवाई करने की खुली छूट दे दी है। पश्चिम एशिया में हजारों अमेरिकी सैनिक तैनात हैं।

अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर रविवार को हुए हमले को एक बार में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने वाला बताया। लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर तेहरान जवाबी कार्रवाई करता है तो और भी हमले किए जाएंगे।

ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी 'इरना' ने कहा कि मौसवी ने अमेरिकी हमले को ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन, देश में इजरायली युद्ध में एंट्री करने और देश पर आक्रमण करने के समान बताया। ईरान पर अमेरिकी हमलों के मद्देनजर, दुनिया भर से तनाव कम करने और संघर्ष को हल करने के लिए कूटनीति की ओर लौटने की मांग की जा रही है।

इजरायल ने सरकारी बिल्डिंगों को बनाया निशाना

इजरायल अब तेहरान में एविन कारागार सहित ईरानी सरकार के प्रतिष्ठानों पर हमला कर रहा है। इजरायल ने सोमवार को ईरान के पैरामिलिट्री रिवोल्यूशनरी गार्ड के सुरक्षा मुख्यालय, तेहरान के फलस्तीन स्क्वायर तथा पैरामिलिट्री बासिज वॉलंटियर कोर बिल्डिंग को भी निशाना बनाया। यह रिवोल्यूशनरी गार्ड का एक हिस्सा है।

ईरान इस बात पर जोर देता है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल नागरिक उद्देश्यों के लिए है। उसने प्रतिबंधों में राहत के बदले में 2015 में अमेरिका, फ्रांस, चीन, रूस, ब्रिटेन और जर्मनी के साथ हुए समझौते के तहत अपने यूरेनियम एंरीचिमेंट को सीमित करने और अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों को अपने परमाणु स्थलों तक पहुंच की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की थी।

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लेकिन ट्रंप द्वारा अपने पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका को एकतरफा तरीके से इस समझौते से बाहर निकालने के बाद ईरान ने 60 प्रतिशत तक यूरेनियम एंरीचिमेंट करना शुरू कर दिया। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची सोमवार को मॉस्को में ईरान के प्रमुख सहयोगियों में से एक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर रहे हैं।

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Jun 23, 2025 4:43 PM

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