क्या पाकिस्तान अफगानिस्तान के साथ बढ़ा रहा है लड़ाई? ट्रंप सुलझाना चाहते हैं 'एक और युद्ध'
Pakistan Afghanistan Clash: बुधवार को, अफगान और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच फिर से झड़प हुई। हालांकि, पिछले वीकेंड में ही दोनों देशों के बीच हुई लड़ाई के बाद शांति कायम हुई थी, लेकिन मामला फिर भड़क गया। बुधवार को हुई हिंसा पिछले हफ्ते के आखिर में हुई झड़पों का ही नतीजा है
Pakistan Afghanistan Clash: क्या पाकिस्तान अफगानिस्तान के साथ बढ़ रहा है लड़ाई? ट्रंप सुलझाना चाहते हैं 'एक और युद्ध'
पिछले हफ्ते के आखिर में हुई शुरू हुए घातक संघर्ष के बाद, बुधवार को खैबर-पख्तूनख्वा के एक सुदूर इलाके में पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर एक बार फिर हिंसा भड़क उठी। तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बुधवार (15 अक्टूबर) को X पर लिखा कि पाकिस्तान ने कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में हल्के और भारी हथियारों से अफगानिस्तान पर हमले किए। उन्होंने कहा कि हमले में 12 से ज्यादा आम नागरिक मारे गए और 100 से ज्यादा घायल हुए।
इस लड़ाई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी ध्यान आकर्षित किया है, जिन्होंने घोषणा की है कि वे "युद्धों को सुलझाने में अच्छे हैं"। आइए जानते हैं कि अभी क्या हाल है? और क्या ट्रंप पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संघर्ष को खत्म कर पाएंगे?
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच फिर भड़की हिंसा
बुधवार को, अफगान और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच फिर से झड़प हुई। हालांकि, पिछले वीकेंड में ही दोनों देशों के बीच हुई लड़ाई के बाद शांति कायम हुई थी, लेकिन मामला फिर भड़क गया।
अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने X पर कहा, "आज सुबह, पाकिस्तानी सेना ने हमले शुरू कर दिए... 12 से ज्यादा नागरिक शहीद हो गए और 100 से ज्यादा अन्य घायल हो गए।"
तालिबान ने कहा कि उसने “बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सैनिकों को मार डाला”, उनकी चौकियों और केंद्रों पर कब्जा कर लिया, उनके हथियार और टैंक जब्त कर लिए, और उनके ज्यादातर सैन्य ठिकानों को “नष्ट” कर दिया।
हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने हिंसा के लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि झड़पों में चार नागरिक घायल हुए हैं। पाकिस्तान के चमन जिले के क्षेत्रीय प्रशासक हबीब उल्लाह बंगुलजई ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "तालिबान बलों ने चमन के पास पाकिस्तानी चौकी पर हमला किया।"
उन्होंने बताया कि सुबह करीब पांच घंटे तक लड़ाई जारी रही और पाकिस्तानी सेना ने हमले को विफल कर दिया।
वहीं पाकिस्तानी सेना ने भी एक बयान जारी कर दावा किया कि उन्होंने लगभग 20 तालिबान सैनिकों को मार गिराया है।
सेना ने एक बयान में कहा, "अफगान तालिबान ने चार जगहों पर कायराना हमला किया... हमले को नाकाम करते हुए 15-20 अफगान तालिबानी मारे गए और कई घायल हुए। स्थिति अभी भी बिगड़ रही है।" साथ ही, सेना ने यह भी कहा कि उत्तर-पश्चिमी सीमा पर रात भर हुई अलग-अलग झड़पों में लगभग 30 तालिबानी और उनसे जुड़े लड़ाकों के मारे जाने का "संदेह" है।
वीकेंड में हुई हिंसा
बुधवार को हुई हिंसा पिछले हफ्ते के आखिर में हुई झड़पों का ही नतीजा है।
शनिवार देर रात, तालिबान बलों ने 2,600 किलोमीटर (1,600 मील) लंबी सीमा पर स्थित पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर हमला किया, जिसका बाद में पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की। रविवार तड़के तक बंदूकों, तोपों और ड्रोनों से गोलीबारी होती रही। अफगानिस्तान में तालिबान ने दावा किया कि ये हमले पिछले गुरुवार को "काबुल पर पाकिस्तानी सेना की ओर से किए गए हवाई हमलों का बदला" थे।
तालिबान के अनुसार, झड़पों में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और लगभग 30 घायल हुए, जबकि नौ तालिबानी सैनिक मारे गए। हालांकि, पाकिस्तान ने दावा किया कि उसके 23 सैनिक मारे गए, जबकि 200 से ज्यादा तालिबानी और उससे जुड़े सैनिक मारे गए।
पाकिस्तानी सेना ने यह भी दावा किया कि सीमा पर तालिबान के कई ठिकानों को नष्ट कर दिया गया और "अफगानिस्तान की सीमा पर दुश्मनों के 21 ठिकानों पर भी कुछ समय के लिए कब्जा कर लिया गया और पाकिस्तान के खिलाफ हमलों की योजना बनाने और उन्हें सुविधाजनक बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कई आतंकवादी ट्रेनिंग कैंपों को निष्क्रिय कर दिया गया।"
बड़ी बात ये है कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर ये झड़पें ऐसे समय में हुईं, जब अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत में थे। इसके अलावा, शनिवार और रविवार को हुई ये झड़पें 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के बीच देखी गई सबसे भीषण झड़पें थीं।
हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। इस्लामाबाद ने अफगान अधिकारियों पर प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के सदस्यों को पनाह देने का आरोप लगाया है। इस्लामाबाद का दावा है कि TTP देश के अंदर कई घातक हमलों के पीछे है। काबुल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए जोर देकर कहा है कि वह अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश के खिलाफ नहीं होने देगा।
अल जजीरा से बात करने वाले विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान तालिबान के साथ एक 'नई सामान्य स्थिति' बनाने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत पाकिस्तान यह साफ करना चाहता है कि अगर भविष्य में उसकी जमीन पर कोई हमला होता है, तो उसका कड़ा जवाब अफगानिस्तान के अंदर दिया जाएगा।
ट्रंप ने इस युद्ध को भी सुलझाने के संकेत दिए
अब जबकि अफगानिस्तान और पाकिस्तान एक-दूसरे पर लगातार हिंसक हो रहे हैं, ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया कि वह संघर्ष को सुलझाने के लिए आगे आने को तैयार हैं और कहा कि वह "युद्धों को सुलझाने में माहिर हैं।" ट्रंप फिलहाल अपनी गाजा शांति योजना के मंजूर होने से काफी उत्साहित हैं।
अमेरिकी नेता ने यह टिप्पणी गाजा पर एक अंतरराष्ट्रीय शांति शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करने के लिए मिस्र जाते समय की। रविवार को एयर फोर्स वन में प्रेस से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, "मैंने सुना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध चल रहा है। मैंने कहा, मुझे वापस आने तक इंतजार करना होगा।"
यह टिप्पणी ट्रंप के उस दावे के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने आठवां युद्ध सुलझा लिया है- इजरायल और हमास के बीच का युद्ध। पिछले हफ्ते, दोनों पक्ष 20-सूत्रीय गाजा शांति योजना के पहले चरण पर सहमत हुए थे, जिसके बाद सोमवार को हमास ने सभी 20 जिंदा बंधकों को रिहा कर दिया।
इस मौके पर, ट्रंप ने इजरायली संसद में कहा: "इतने सालों के अनवरत युद्ध और अंतहीन खतरे के बाद, आज आसमान शांत है। बंदूकें खामोश हैं। सायरन थम गए हैं। और सूरज उस पवित्र धरती पर उग रहा है, जहां आखिरकार शांति है।"
इसके बाद उन्होंने अपने कार्यकाल के पहले आठ महीनों में खत्म हुए युद्धों की संख्या बढ़ाते हुए कहा, "कल मैं सात कह रहा था, लेकिन अब मैं आठ कह सकता हूं।"
हालांकि, कई विश्लेषक आठ युद्धों के समाधान के दावों पर सवाल उठाते हैं और कहते हैं कि ये दावे सटीक नहीं हैं।
यह अभी साफ नहीं है कि क्या ट्रंप अफगानिस्तान और तालिबान के बीच इस लड़ाई में हस्तक्षेप करेंगे। लेकिन अगर वह ऐसा करते हैं, तो क्या तालिबान उनकी बात सुनेगा? और क्या शहबाज शरीफ और असीम मुनीर ट्रंप को हस्तक्षेप करने देंगे?