Mass Layoffs in US: अब अमेरिकी सरकार के एंप्लॉयीज की नौकरी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मूड पर टिकी है। व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने ऐसे ही संकेत दिए हैं। व्हाइट हाउस नेशनल इकनॉमिक काउंसिल डायरेक्टर केविन हैसेट (Kevin Hassett) का कहना है कि अगर डेमोक्रेट सांसदों के साथ चल रही बातचीत अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को बेनतीजा वाली लगती है तो ट्रंप सरकार बड़े पैमाने पर छंटनी शुरू कर देगी। यह बातचीत शटडाउन को खत्म करने के लिए चल रही है। हालांकि शटडाउन के पांचवे दिन केविन ने सीएनएन के स्टेट ऑफ द यूनियन प्रोग्राम में कहा कि उन्हें अभी भी डेमोक्रेट के पीछे हटने की संभावना दिख रही है जिससे महंगा शटडाउन और केंद्रीय एंप्लॉयीज की छंटनी टल जाएगी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और व्हाउट हाउस के बजट डायरेक्टर रसेल वॉट (Russell Vought) जरूरत क मुताबिक कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं लेकिन उम्मीद है कि वे ऐसा नहीं करेंगे। बाद में रविवार को ट्रंप ने छंटनी शुरू होने को लेकर पत्रकारों के पूछे गए सवालों के जवाब में कहा था कि इस पर काम हो रहा है।
कांग्रेस के नेताओं और ट्रम्प के बीच पिछले हफ्ते हुई बैठक के बाद से बातचीत के कोई ठोस संकेत नहीं मिले हैं। अमेरिकी शटडाउन 1 अक्टूबर को शुरू हुआ। यह अमेरिका के फेडरल वित्तीय वर्ष 2026 की शुरुआत है। शटडाउन इसलिए हुआ क्योंकि अमेरिका के डेमोक्रेट सांसदों ने शॉर्ट टर्म फंडिंग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया जो केंद्रीय एजेंसियों को 21 नवंबर तक खुला रखने वाला था। डेमोक्रेट सांसद चक शूमर (Chuck Schumer) ने सीबीएस के फेस द नेशन प्रोग्राम में कहा कि अब शटडाउन का मामला ट्रंप और चार कांग्रेस नेताओं के बीच आगे की बातचीत से ही सुलझ सकता है।
दोनों पक्षों का क्या कहना है?
डेमोक्रेट्स की मांग है कि अफोर्डेबल केयर एक्ट के तहत प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के लिए बढ़े हुए प्रीमियम टैक्स क्रेडिट्स का स्थायी विस्तार किया जाए। इसके अलावा वे यह आश्वासन भी चाहते हैं कि व्हाइट हाउस किसी भी समझौते में किए गए खर्च को एकतरफा रद्द करने की कोशिश नहीं करेगा। वहीं सीनेट मेजॉरिटी लीडर जॉन थ्यून (John Thune) का कहना है कि वह डेमोक्रेट की मांगों पर विचार के लिए तैयार हैं लेकिन पहले उन्हें फेडरल गवर्नमेंट को फिर से खोलने के लिए राजी होना होगा। हेल्थकेयर और अन्य मुद्दों पर सहमति के लिए डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के बीच समाधान के लिए अनौपचारिक रूप से बातचीत हो रही है।