China-Japan conflict: ताइवान को लेकर चीन और जापान के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि जापान की नए नेता ने ताइवान पर सैन्य हस्तक्षेप संबंधी टिप्पणी करके सीमा लांघ दी है। जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने 7 नवंबर को एक संसदीय समिति से कहा था कि ताइवान पर चीनी सैन्य हमला जापान के लिए अस्तित्व पर खतरा बन सकता है। इससे जापान सामूहिक आत्मरक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग कर सकता है। ताकाइची के इस बयान के बाद चीन के साथ जापान के द्विपक्षीय संबंधों में दरार आ गई। ताइवान को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा मानने वाले चीन का कहना है कि ताइवान का मुद्दा पूरी तरह से उसका आंतरिक मामला है।
इसी बीच, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि जापान ने अपने सबसे दक्षिणी द्वीप योनागुनी पर मिसाइल तैनात कर दी है। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। जापान के रक्षा मंत्री ने 23 नवंबर को कहा था कि जापान निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार इस अड्डे पर मध्यम दूरी की वायु रक्षा मिसाइलें तैनात करेगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह अड्डा चीन के तइवान क्षेत्र से केवल 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
इसकी चर्चा में माओ निंग ने कहा कि चीन के थाइवान क्षेत्र से सटे दक्षिण-पश्चिमी द्वीपों पर जापान द्वारा आक्रामक हथियारों की तैनाती क्षेत्रीय तनाव पैदा करने और सैन्य टकराव भड़काने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है। जापानी प्रधानमंत्री ताकाइची की ताइवान के बारे में गलत टिप्पणियों के साथ, यह कदम बेहद खतरनाक है। साथ ही कहा कि पड़ोसी देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता है।
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के 30वें सम्मेलन (COP30) की चर्चा में माओ निंग ने कहा कि इस सम्मेलन ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एकजुट होने और सहयोग करने के दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित किया। अगले दशक में कन्वेंशन और इसके पेरिस समझौते के पूर्ण, प्रभावी और निरंतर कार्यान्वयन में निश्चितता का संचार किया। वियतनाम में हाल ही में कई तूफान आए हैं। िससे मूसलाधार बारिश और बाढ़ आई है।
इससे लोग हताहत हुए हैं। साथ ही संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। इसकी चर्चा में माओ निंग ने कहा कि मानवीय कारणों और वियतनामी लोगों के प्रति मित्रता के कारण, चीन वियतनाम को नकद सहायता प्रदान करेगा। हमारा मानना है कि वियतनामी पार्टी और सरकार के नेतृत्व में आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लोग निश्चित रूप से कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करेंगे। जल्द ही अपने घरों का पुनर्निर्माण करेंगे।
चीन के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने एक पोस्ट कहा कि इस माह की शुरुआत में जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची की यह टिप्पणी ‘स्तब्ध’ करने वाली है कि ताइवान पर चीन की नौसेना की नाकेबंदी या कोई और कार्रवाई जापान की जवाबी सैन्य कार्रवाई का आधार बन सकती है।
वांग ने कहा, "यह स्तब्ध करने वाली बात है कि जापान के मौजूदा नेताओं ने ताइवान मामले में सैन्य हस्तक्षेप की बात करके सार्वजनिक तौर पर गलत संकेत दिया है और ऐसी बातें कही हैं जो उन्हें नहीं कहनी चाहिए थीं और इन सबसे उन्होंने ऐसी सीमा लांघी है जहां तक उन्हें जाना ही नहीं चाहिए था।"
वांग ने कहा कि चीन को जापान की हरकतों का 'दृढ़ता से जवाब' देना चाहिए। ताकाइची के बयान के बाद से पिछले कुछ हफ़्तों से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। बीजिंग ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस को एक पत्र भेजा जिसमें अंतरराष्ट्रीय कानूनों और राजनयिक नियमों के उल्लंघन के लिए ताकाइची की आलोचना की गई।