मुहम्मद यूनुस और पाकिस्तान की सीक्रेट 'डील'? पाक जनरल को भेंट किया पूर्वोत्तर को बांग्लादेश में दिखाने वाला विवादित नक्शा

Bangladesh Pakistan Diplomatic Relations: खुफिया सूत्रों का मानना है कि यूनुस ने यह विवादास्पद कलाकृति एक नागरिक दूत के बजाय पाकिस्तान के शीर्ष जनरल को जानबूझकर भेंट की है, जो ढाका की अंतरिम सरकार और रावलपिंडी के सैन्य प्रतिष्ठान के बीच एक सीक्रेट सांठगांठ का संकेत है

अपडेटेड Oct 27, 2025 पर 2:38 PM
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खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस कलाकृति में भारत की क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने का एक स्पष्ट प्रयास दिखता है

Muhammad Yunus: बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस द्वारा पाकिस्तान के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष, जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को 'आर्ट ऑफ ट्रायम्फ' भेंट किया है। इस कलाकृति को भेंट करने का मामला महज एक कूटनीतिक शिष्टाचार नहीं है। शीर्ष भारतीय खुफिया सूत्रों का दावा है कि इस कलाकृति में एक विवादित नक्शा दिखाया गया है, जिसने नई दिल्ली में रणनीतिक चिंताएं बढ़ा दी हैं। खुफिया सूत्रों का मानना है कि यूनुस ने यह विवादास्पद कलाकृति एक नागरिक दूत के बजाय पाकिस्तान के शीर्ष जनरल को जानबूझकर भेंट की है, जो ढाका की अंतरिम सरकार और रावलपिंडी के सैन्य प्रतिष्ठान के बीच एक सीक्रेट सांठगांठ का संकेत है।

नक्शे में भारत के पूर्वोत्तर को बांग्लादेश में दिखाया

खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस कलाकृति में भारत की क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने का एक स्पष्ट प्रयास दिखता है। सूत्रों का आरोप है कि कलाकृति में बांग्लादेश की विस्तारित सीमा के भीतर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को दर्शाया गया है। इस कृत्य को 'साइकोलॉजिकल वॉरफेयर' सिग्नल के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य भारत की क्षेत्रीय अखंडता को खत्म करना और 1971 के विभाजन के पुराने घावों को कुरेदना है। विश्लेषकों का मानना है कि यह इशारा पाकिस्तान की 1971 की सैन्य हार को प्रतीकात्मक रूप से मिटाने और ढाका तथा इस्लामाबाद के बीच एक नए वैचारिक गठजोड़ को प्रदर्शित करने का प्रयास है।


सीमा पर लगातार हो रहे घुसपैठ के प्रयास

खुफिया एजेंसियों का दावा है कि यह घटना सीमा पर बढ़ती अवैध गतिविधियों को देखते हुए संभावित समन्वय के बारे में संदेह पैदा करती है। यह घटना त्रिपुरा और मिजोरम सीमाओं पर अवैध घुसपैठ में रिपोर्ट की गई वृद्धि के साथ मेल खाती है। सुरक्षा एजेंसियां इन घुसपैठों को बांग्लादेशी नेटवर्क के माध्यम से काम कर रहे पाकिस्तान समर्थित इस्लामी NGOs से जोड़ रही हैं। सूत्रों का मानना है कि यह संस्कृति और कूटनीति का उपयोग करके किया गया एक समन्वित सॉफ्ट-पावर का आक्रामक कदम है, जिसमें प्रत्यक्ष आतंकवादी प्रॉक्सी के बजाय कूटनीतिक प्रतीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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