Pakistan Protest: पाकिस्तान में तहरीक-ए-लब्बैक का हिंसक प्रदर्शन! इस्लामाबाद और रावलपिंडी में इंटरनेट बंद, सभी सड़कें सील

Pakistan Tehreek-e-Labbaik Protest: तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) द्वारा इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास के बाहर इजरायल के खिलाफ शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन की घोषणा थी। इसके बाद पुलिस ने इसके प्रमुख साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार करने के लिए छापा मारा। पंजाब पुलिस द्वारा कार्रवाई शुरू करने के बाद शहर में हिंसा भड़क उठी

अपडेटेड Oct 10, 2025 पर 1:11 PM
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Pakistan Tehreek-e-Labbaik Protest: अधिकारियों और कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के सदस्यों के बीच हिंसक झड़पों में कई लोग घायल हो गए

Pakistan Tehreek-e-Labbaik Protest: पाकिस्तान सरकार ने कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के शुक्रवार (10 अक्टूबर) को होने वाले प्रदर्शन से पहले इस्लामाबाद और रावलपिंडी में मोबाइल एवं इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। राजधानी के एंट्री और एग्जिट रूट्स को सील कर दिया गया है। लाहौर शहर में इजरायल विरोधी प्रदर्शन के मुद्दे पर अधिकारियों और कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के सदस्यों के बीच हिंसक झड़पों में कई लोग घायल हो गए।

तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) द्वारा इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास के बाहर इजरायल के खिलाफ शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन की घोषणा थी। इसके बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने इसके प्रमुख साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार करने के लिए टीएलपी मुख्यालय पर छापा मारा। पंजाब पुलिस द्वारा कार्रवाई शुरू करने के बाद बुधवार देर रात शहर में हिंसा भड़क उठी।

पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवाार को पीटीआई से कहा, "कई घंटों तक जारी रही झड़पों में कम से कम पांच पुलिस कांस्टेबल और टीएलपी के कई कार्यकर्ता घायल हो गए।" हालांकि टीएलपी ने दावा किया कि पुलिस के साथ झड़पों में उसके कम से कम एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और 20 घायल हो गए।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने टीएलपी प्रमुख के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की तामील के लिए लाहौर के यतीम खाना स्थित टीएलपी मुख्यालय पर छापा मारा। लेकिन वहां पुलिस को ही हमले का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि गुस्साए टीएलपी कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों पर पत्थराव किया और लोहे की छड़ों से हमला किया।

अधिकारी ने कहा, "अब तक रिजवी गिरफ्तारी से बच रहा है और टीएलपी मुख्यालय के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं तथा इलाके में तनाव व्याप्त है।" अधिकारी ने बताया कि पंजाब सरकार टीएलपी समर्थकों के साथ झड़पों से बचने के लिए अर्धसैनिक रेंज को तैनात करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा, "आमतौर पर धार्मिक दलों के कार्यकर्ता रेंजर्स कर्मियों पर हमला नहीं करते हैं।"

टीएलपी के एक प्रवक्ता ने कहा, "शांतिपूर्ण लब्बैक या अक्सा मिलियन मार्च को रोकने के लिए (मुख्यमंत्री) मरियम नवाज़ की पंजाब सरकार ने अपमानजनक हथकंडे अपनाए हैं। टीएलपी के निहत्थे कार्यकर्ताओं और अधिकारियों पर अत्याचार तुरंत बंद होना चाहिए।" उन्होंने कहा कि पुलिस ने टीएलपी के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है।


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प्रवक्ता ने कहा, "गाजा में मुसलमानों पर यहूदियों द्वारा अत्याचार किया जा रहा है, जबकि यहां उनके समर्थक मुसलमानों पर अत्याचार कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि टीएलपी के उप प्रमुख पीर सैयद जहीर-उल-हसन शाह की गिरफ्तारी के बाद पंजाब में सरकार द्वारा उत्पीड़न बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि फलस्तीन के साथ एकजुटता दिखाना पाकिस्तान में अपराध बन गया है।

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