PoK Protest: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Pok) में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन और हड़ताल गुरुवार (2 अक्टूबर) को लगातार चौथे दिन भी जारी रही। इस दौरान 12 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है। जबकि कई अन्य घायल हो गए हैं। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की गोलीबारी में प्रदर्शनकारियों की जान गई है। पीओके हाल के वर्षों में सबसे बड़े अशांति के दौर से गुजर रहा है। सरकार द्वारा 38 प्रमुख मांगों को पूरा न करने के विरोध में शुरू हुए ये विरोध प्रदर्शन सेना की ज्यादतियों के खिलाफ एक व्यापक आंदोलन में बदल गए हैं।
29 सितंबर को विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से पीओके में बाजार, दुकानें और स्थानीय व्यवसाय बंद हैं। मोबाइल, इंटरनेट और लैंडलाइन सेवाएं भी पूरी तरह से बंद हैं। जम्मू-कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेकेजेएसी) ने अपनी लंबित मांगों को लेकर इस हड़ताल का ऐलान किया था। हड़ताल के दौरान विरोधी समूहों ने एक साथ प्रदर्शन किए और एक-दूसरे पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप लगाया।
'जियो न्यूज' की खबर के अनुसार, पाकिस्तानी सरकार ने जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच जेकेजेएसी को एक बार फिर बातचीत का प्रस्ताव दिया है। इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसक झडंप में तीन पुलिसकर्मियों की जान चली गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए। संघीय मंत्री तारिक फजल चौधरी ने बुधवार को बताया कि जेकेजेएसी की अधिंकाश मांगें पहले ही स्वीकार कर ली गई हैं। खबर में बताया गया कि मुजफ्फराबाद में दुकानें, होटल और सभी कारोबार बंद रहे। जबकि सड़कों से सार्वजनिक वाहन नदारद रहे।
पाकिस्तानी सेना ने लोगों को मारी गोली
रिपोर्टों के अनुसार, मुजफ्फराबाद में पांच, धीरकोट में पांच और ददयाल में दो प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वहीं, कम से कम तीन पुलिसकर्मी भी मारे गए हैं। इसके अलावा, 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है, और ज्यादातर को गोली लगी है।
जम्मू-कश्मीर संयुक्त आवामी एक्शन कमेटी (एएसी) के नेतृत्व में चल रहे विरोध प्रदर्शनों ने अशांत क्षेत्र में जनजीवन को ठप्प कर दिया है। इस आंदोलन के केंद्र में पाकिस्तान में रह रहे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित पीओके की 12 विधानसभा सीटों को समाप्त करने की मांग है। अन्य मांगों में टैक्स राहत, आटे और बिजली पर सब्सिडी और विकास परियोजनाओं को पूरा करना शामिल है।
पाक प्रधानमंत्री ने वार्ता समिति का किया गठन
तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि सरकार इन मुद्दों पर विचार करने और शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए एक वार्ता समिति गठित करने के लिए तैयार है। अमेरिका यात्रा के बाद लंदन में छुट्टियां मना रहे शरीफ ने शांति की अपील करते हुए सुरक्षा एजेंसियों को प्रदर्शनकारियों के साथ संयम और धैर्य बरतने का निर्देश दिया।
इस बीच, यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के प्रवक्ता नासिर अजीज खान ने संयुक्त राष्ट्र (UN) और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है।