Thaksin Shinawatra: थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनवात्रा की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। मंगलवार को थाईलैंड के सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक साल की जेल की सजा काटने का आदेश दिया है। कोर्ट का कहना है कि 2023 में उनकी सजा को जिस तरह से अस्पताल में काटा गया, वह 'गलत और कानूनी नहीं' था। कोर्ट का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब थाईलैंड में राजनीतिक संकट गहराया हुआ है। थाकसिन पिछले हफ्ते बिना किसी घोषणा के देश छोड़कर दुबई चले गए, जिससे अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह जेल से बचने के लिए भागे हैं। उनकी बेटी पेटोंगटार्न शिनवात्रा को हाल ही में प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया।
76 साल के थाकसिन शिनवात्रा अगस्त 2023 में कई सालों के निर्वासन के बाद थाईलैंड लौटे थे। भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के मामलों में उन्हें आठ साल की जेल की सजा सुनाई गई थी, जिसे बाद में शाही माफी के तहत कम करके एक साल कर दिया गया था। हालांकि, जेल में रहने के कुछ ही घंटों बाद उन्हें मेडिकल कारणों से अस्पताल में भर्ती कर दिया गया था। सार्वजनिक रूप से उनकी इस रिहाई को 'बैकडोर डील' और 'विशेष ट्रीटमेंट' के आरोपों से जोड़ा गया था। वह फरवरी 2024 में अस्पताल से ही पैरोल पर रिहा हो गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने थाकसिन को तुरंत जेल भेजने के लिए वारंट जारी किया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'उन्हें अस्पताल भेजना कानूनी नहीं था, आरोपी जानता है कि उसकी बीमारी कोई आपातकालीन मामला नहीं था, और अस्पताल में रहना जेल की सजा के रूप में नहीं गिना जा सकता।'
कैसा रहा है थाकसिन का राजनीतिक सफर
थाकसिन शिनवात्रा 2001 और 2005 में प्रधानमंत्री चुने गए थे, लेकिन 2006 में एक सैन्य तख्तापलट के बाद उन्हें निर्वासन में जाना पड़ा था। दो दशकों से उनका राजनीतिक परिवार थाईलैंड के सेना-समर्थक और राजशाही समर्थक अभिजात वर्ग के लिए एक प्रमुख दुश्मन बना हुआ है।