अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर जल संरक्षण से जुड़े मानकों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने बुधवार को व्हाइट हाउस में एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) पर हस्ताक्षर किया। इसमें उन्होंने उन सभी नियमों को खत्म करने का निर्देश दिया है, जो शॉवरहेड, वॉशिंग मशीन, डिशवॉशर और टॉयलेट जैसे घरेलू उपकरणों में पानी के प्रवाह (flow rate) को सीमित करते हैं।
ट्रंप लंबे समय से शिकायत करते रहे हैं कि आधुनिक शॉवरहेड में पानी की धार इतनी धीमी होती है कि उन्हें अपने 'सुंदर बालों' को धोने में दिक्कत होती है। अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप ने इन नियमों को ढीला करने का आदेश दिया था, जिसे जो बाइडन ने राष्ट्रपति बनने के बाद पलट दिया। लेकिन अब ट्रंप फिर से पानी की धार तेज करने की ओर बढ़ गए हैं।
'पानी टपकता है, नहाने में वक्त लगता है'
व्हाइट हाउस में आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा, “मुझे अच्छी शॉवर पसंद है। लेकिन आजकल तो 15 मिनट तक खड़ा रहना पड़ता है कि बाल गीले हों। पानी बस टपकता है। ये बेवकूफी है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि लोग बार-बार हाथ धोते हैं, जिससे पानी की बचत के बजाय खपत और बढ़ जाती है।
बाइडेन के नियमों को बताया 'ब्यूरोक्रेटिक बर्बादी'
ट्रंप का यह आदेश बराक ओबामा और जो बाइडेन प्रशासन के उस नियम को पलटता है, जिसमें घरेलू उपकरणों के पानी और ऊर्जा की खपत को सीमित किया गया था। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इन नियमों ने एक सामान्य घरेलू उपकरण को प्रशासनिक बोझ बना दिया है और उपभोक्ताओं की रोजमर्रा की जरूरतों को नजरअंदाज किया गया है।
पर्यावरण समूहों ने की आलोचना
ऊर्जा दक्षता के लिए काम करने वाले संगठन ASAP ने इस कदम को 1992 के ऊर्जा संरक्षण कानून से बचने की कोशिश बताया। उनके अनुसार, मौजूदा शॉवरहेड उपभोक्ताओं को पर्याप्त पानी का दबाव देते हैं और किसी तरह की दिक्कत की कोई व्यापक शिकायत नहीं है।
ऊर्जी की खपत बढ़ने की भी आशंका
EPA के मुताबिक, औसतन एक अमेरिकी परिवार की 20% इनडोर पानी खपत शॉवर से होती है। ऐसे में पानी की अधिक बहाव से सिर्फ पानी ही नहीं, बल्कि ऊर्जा की खपत भी बढ़ेगी, क्योंकि गर्म पानी को हीट करने में घरों की कुल ऊर्जा का एक बड़ा हिस्सा खर्च होता है।