Indians in US: फ्लोरिडा के एक स्थानीय नेता चैंडलर लैंगविन ने बीते दिनों भारतीयों के सामूहिक निर्वासन की मांग की थी। उनके विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट की कड़ी आलोचना के बाद शनिवार को सिटी काउंसिल ने अपमानजनक बयानों के लिए उन्हें फटकार लगाई और उनके पद से जुड़े कई अधिकार छीन लिए गए हैं। आइए आपको बताते हैं आखिर क्या है ये पूरा मामला।
चांडलर लैंगविन ने क्या कहा?
फ्लोरिडा के चांडलर लैंगविन ने सोशल मीडिया पर लगातार कई भड़काऊ पोस्ट किए, जिसमें उन्होंने पूरे अमेरिका से भारतीयों को निर्वासित करने की मांग की। उन्होंने कहा, 'एक भी भारतीय ऐसा नहीं है जो संयुक्त राज्य अमेरिका की परवाह करता हो। वे यहां हमें आर्थिक रूप से लूटने और भारत और भारतीयों को समृद्ध करने के लिए हैं। अमेरिका सिर्फ अमेरिकियों के लिए है।' लैंग्विन ने पत्रकारों से यहां तक कहा, 'भारतीय हमारी जेबें खाली करने और अमीर बनकर भारत वापस जाने के लिए यहां हैं... या इससे भी बुरा... यहीं रहने के लिए हैं।'
2 अक्टूबर को उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से सभी भारतीयों के वीजा रद्द करने और उन्हें तुरंत निर्वासित करने की मांग को अपने जन्मदिन की इच्छा के रूप में पेश किया। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी कि उनके ये बयान अस्थायी वीजा धारकों के लिए थे, न कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए।
सिटी काउंसिल ने लिया बड़ा एक्शन
'द वाशिंगटन पोस्ट' की एक रिपोर्ट के अनुसार, सिटी काउंसिल की फटकार के बाद लैंग्विन पर कई पाबंदियां लगाई गई हैं। उन्हें अब एजेंडे में कोई भी प्रस्ताव रखने से पहले सर्वसम्मति की आवश्यकता होगी।उन्हें कमिश्नर कमेंट्स करने से रोका गया है। उन्हें काउंसिल की समितियों से हटा दिया गया है।
विरोध के बावजूद अपने रुख पर कायम
अपने बयानों पर चौतरफा आलोचना झेलने के बावजूद, लैंगविन ने झुकने से इनकार कर दिया है और अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उल्लंघन का दावा किया है। 18 अक्टूबर के अपने लेटेस्ट पोस्ट में उन्होंने अमेरिकी कंजर्वेटिव हिंदू और भारतीय समूहों के साथ अपनी बातचीत का हवाला दिया, जो कथित तौर पर सामूहिक आप्रवासन पर उनसे सहमत हैं।
पूरे अमेरिका में कई भारतीय-अमेरिकी समूहों ने लैंगविन की निंदा की है और खुले तौर पर उनके इस्तीफे की मांग की है। हालांकि, सिटी काउंसिल के सख्त कदम के बावजूद, लैंग्विन ने इस कार्रवाई को अपने संवैधानिक अधिकारों का हनन बताया है।