Yemen war plans: अमेरिकी प्रशासन की एक बड़ी चूक सामने आई है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने यमन के हूती विद्रोहियों पर हमला करने से कुछ समय पहले सिग्नल मैसेजिंग ऐप पर एक पत्रकार को अनजाने में एक संवेदनशील ग्रुप में शामिल कर दिया। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने मैसेजिंग ऐप के जरिए यमन में आगामी सैन्य हमलों के लिए तैयार योजनाएं शेयर कर दी। एक स्टोरी में बताया गया है कि इस ग्रुप चैट में कथित तौर पर 'द अटलांटिक' के एडिटर इन चीफ भी शामिल थे।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने यमन के हूती समूह के खिलाफ सैन्य हमलों की योजना पर एक मैसेजिंग ऐप पर विस्तृत चर्चा की। कई न्यूज रिपोर्टों के अनुसार, अधिकारियों ने भी इस चर्चा की पुष्टि की है। ये चर्चा कई दिनों तक चली और इसमें हमले की पूरी जानकारी, हथियारों का इस्तेमाल और समय की बात हुई। गलती से इस ग्रुप में 'द अटलांटिक' मैगजीन के संपादक जेफरी गोल्डबर्ग को भी जोड़ दिया गया।
इन चर्चाओं को करने वाले अधिकारियों ने सिग्नल नाम की एक सुरक्षित मैसेजिंग सेवा का इस्तेमाल किया। इसमें उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज, सीआईए निदेशक जॉन रेडक्लिफ और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड शामिल थीं। ए
चर्चा के बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता। मैं अटलांटिक का बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं हूं।" राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने द अटलांटिक द्वारा प्रकाशित चर्चाओं की प्रामाणिकता की पुष्टि की।
उन्होंने कहा, "अभी तक, जो मैसेज थ्रेड की खबर आई है, वह सच लगती है। हम यह देख रहे हैं कि गलती से कोई नंबर उसमें कैसे जुड़ गया।" उन्होंने आगे कहा, "ये थ्रेड दिखाता है कि बड़े अधिकारियों के बीच नीति पर गहरी और सोची-समझी समन्वय था। हूती ऑपरेशन की लगातार सफलता बताती है कि हमारे सैनिकों या राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं था।"
ट्रंप प्रशासन द्वारा हूतियों के खिलाफ पहला अमेरिकी हमला 15 मार्च को शुरू हुआ, जब हूती विद्रोहियों ने गाजा की नाकाबंदी को लेकर इजरायल के खिलाफ हमले फिर से शुरू करने की धमकी दी थी। ये हमले वीकेंड में और अधिक होने के साथ जारी रहे और सोमवार तक चले।
हूती समूह ने नवंबर 2023 से पश्चिम एशिया के जलक्षेत्र लाल सागर, अदन की खाड़ी, बाब अल-मंदेब जलडमरूमध्य और अरब सागर में करीब 100 व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया है। यह हमले तब शुरू हुए जब इजरायल ने आतंकी समूह हमास के 7 अक्टूबर के आतंकी हमलों का जवाब दिया था।