BJP ने मोदी फैक्टर के साथ, विधानसभा चुनाव से ही शुरू किया लोकसभा चुनाव का प्रचार

इस निर्णय पर मीडिया की तरफ से बार-बार पूछे गए सवालों पर, अमित शाह समेत बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने लगातार अपना जवाब दिया है - कमल ही इसका चुनाव चिह्न और चेहरा है। अक्टूबर की शुरुआत में, पीयूष गोयल ने कहा था, “हर चुनाव में कमल हमारा चेहरा है। कमल हम सभी के लिए पूजनीय है। हम कमल लेकर जनता के बीच जाते हैं।”

अपडेटेड Nov 24, 2023 पर 8:39 PM
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BJP ने मोदी फैक्टर के साथ, विधानसभा चुनाव से ही शुरू किया लोकसभा चुनाव का प्रचार

मध्य प्रदेश (MP), राजस्थान (Rajasthan), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और मिजोरम (Mizoram) विधानसभा चुनाव 2023 (Assembly Elections 2023) में BJP का अभियान एक चेहरे पर केंद्रित है- नरेंद्र दामोदरदास मोदी (Narendra Modi)। मध्य प्रदेश में मौजूदा मुख्यमंत्री होने के बावजूद, BJP न तो शिवराज सिंह चौहान को अपना चेहरा बनाकर चुनाव में उतरी और न ही उसने राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया को प्रोजेक्ट किया। इस निर्णय पर मीडिया की तरफ से बार-बार पूछे गए सवालों पर, अमित शाह समेत बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने लगातार अपना जवाब दिया है - कमल ही इसका चुनाव चिह्न और चेहरा है।

अक्टूबर की शुरुआत में, पीयूष गोयल ने कहा था, “हर चुनाव में कमल हमारा चेहरा है। कमल हम सभी के लिए पूजनीय है। हम कमल लेकर जनता के बीच जाते हैं।” BJP के तुरुप के इक्के मोदी से बेहतर कमल का प्रतिनिधित्व कौन कर सकता है?

हालांकि, यहां बीजेपी से एक सवाल पूछा जा सकता है- वो 2019 में हरियाणा चुनाव में मनोहर लाल खट्टर को अपना चेहरा बनाकर या 2018 छत्तीसगढ़ चुनाव में रमन सिंह को सीएम फेस बनाकर क्यों उतरी थी?


इसका जवाब सीधा है। BJP 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए अपना राष्ट्रीय अभियान जल्दी शुरू करना चाहती थी और इसके लिए चार विधानसभा चुनावों में जाने से बेहतर तरीका क्या हो सकता है, वो भी लोकसभा चुनाव से लगभग चार महीने पहले, जिसमें बीजेपी का प्रधानमंत्री पद का चेहरा खुद हो।

मोदीमय प्रचार से जनता तक पहुंच

जितना ज्यादा उनके कट-आउट देखे जाते हैं और रोड शो एयरवेव्स पर हावी होते हैं, उतना ही ज्यादा ये मतदाताओं के दिमाग में दर्ज होता है। यही कारण है कि हम बीजेपी की रैलियों में अक्सर "मोदी की गारंटी" वाक्यांश सुनते रहे हैं।

राजस्थान में शनिवार को मतदान हो रहा है, विश्वास करें या न करें, बीजेपी ने विधानसभा चुनाव अभियान की आड़ में लोकसभा चुनाव प्रचार का अपना शुरुआती चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। चुनाव प्रचार के दौरान, पीएम मोदी केवल राज्य-विशिष्ट मुद्दों तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय विषयों के साथ सहजता से जोड़ा।

राजस्थान अभियान के अंतिम चरण में, प्रधान मंत्री ने "लाल डायरी" उठाई और इसे महंगाई और बेरोजगारी के बड़े मुद्दे से जोड़ दिया। उन्होंने कहा, "लाल डायरी में राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के सभी भ्रष्ट कामों के साथ-साथ लोगों को लूटने के उनके इरादों का भी ब्यौरा है।"

उसी दिन, उन्होंने ये भी कहा, "कांग्रेस केवल लोगों को लूटने में रुचि रखती है और इसलिए राजस्थान में रिकॉर्ड महंगाई और बेरोजगारी है।" इसमें भारतीय मतदाताओं की चेतना में बीजेपी की सावधानीपूर्वक बनाई गई, लोकसभा पिच भी शामिल है।

'मोदी की गारंटी'

प्रधानमंत्री ने "सभी के विकास, किसानों के सशक्तिकरण और महिलाओं की सुरक्षा" के लिए "मोदी की गारंटी और आश्वासन" दिया, ये ऐसे मुद्दे हैं, जो राज्य की सीमाओं से परे गूंजते हैं। ये कोटा के लोगों के लिए उतना ही मायने रखता है, जितना कोलकाता के निवासियों के लिए।

ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश में सामने आया। नवंबर की शुरुआत में सतना में एक चुनावी रैली में पीएम ने विधानसभा चुनाव को सीधे तौर पर लोकसभा चुनाव से जोड़ दिया था। उन्होंने कहा, "आपका एक वोट बीजेपी को मध्य प्रदेश में फिर से सरकार बनाने, दिल्ली में मोदी को मजबूत करने में मदद करेगा।"

उसी रैली में, उन्होंने मतदाताओं को रामायण सर्किट के आसपास एक महत्वाकांक्षी सरकारी परियोजना की झलक दी, जिसमें उन्होंने कहा कि इसमें एमपी का शहर चित्रकूट भी शामिल है। पीएम 22 जनवरी को यूपी के अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे।

भगवान राम से जुड़ी भावनाएं पूरे हिंदी पट्टी में गूंजती हैं। एक रामायण सर्किट का वादा करके, जिसमें चित्रकूट भी शामिल है, उन्होंने कुशलतापूर्वक एक ही बार में मध्य प्रदेश के साथ-साथ पूरे हिंदी पट्टी के लोगों को संबोधित किया।

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मोदी के कट-आउट से लेकर बीजेपी के घोषणापत्रों पर उनके चेहरे तक, चार राज्यों में भगवा पार्टी का अभियान उनके व्यक्तित्व के इर्द-गिर्द ही घूमता रहा।

छत्तीसगढ़ में बीजेपी के घोषणापत्र को "छत्तीसगढ़ के लिए मोदी की गारंटी" कहा गया। मोदी के कई रोड शो में भारी भीड़ उमड़ी, जिससे सोशल मीडिया पर हलचल बनी रही।

विज्ञापनों में भी अगर नमो एक प्रोडेक्ट है और लोकसभा चुनाव इसकी लॉन्च डेट है, तो बीजेपी पहले ही उसका पर्याप्त विज्ञापन कर चुकी है।

बीजेपी हलकों में इस चर्चा के साथ कि पार्टी चुनाव आयोग की तरफ से तारीखों की घोषणा से पहले ही लोकसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की घोषणा कर सकती है, पार्टी पहले से ही 2024 मोड में है।

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