Interim Budget 2024: यूनियन बजट (Union Budget) पेश होने में कुछ ही घंटे बचे हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी (गुरुवार) को दिन में 11 बजे यूनियन बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। इससे काफी उम्मीदें हैं। 2019 के अंतरिम बजट में सरकार ने टैक्सपेयर्स के लिए बड़े ऐलान किए थे। इस बार भी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण टैक्सपेयर्स को राहत दे सकती हैं। वह क्या राहत देती हैं, इसका पता उनके बजट भाषण से चलेगा। इससे पहले आपके लिए यह जान लेना जरूरी है कि अभी इनकम टैक्स के स्लैब्स और रेट्स क्या हैं।
अभी टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स की दो रीजीम हैं
साल 2020 में सरकार ने इनकम टैक्स की नई रीजीम का ऐलान किया था। तब से इनकम टैक्स की दो रीजीम-नई और पुरानी उपलब्ध हैं। टैक्सपेयर्स इनमें से किसी एक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इनकम टैक्स की नई रीजीम में टैक्स के रेट्स कम हैं। लेकिन, डिडक्शन और एग्जेम्प्शन नहीं मिलते हैं। उधर, इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में टैक्सपेयर्स को डिडक्शन और एग्जेम्प्शन मिलते हैं। लेकिन, इसमें टैक्स के रेट्स अपेक्षाकृत ज्यादा हैं।
नई रीजीम में सालाना 3 लाख इनकम पर टैक्स नहीं
इनकम टैक्स की नई रीजीम में 3 लाख रुपये सालाना इनकम वाले व्यक्ति को टैक्स से छूट मिलती है। सालाना इनकम 3 लाख से 6 लाख रुपये होने पर टैक्स का रेट 5 फीसदी है। 6 लाख से 9 लाख रुपये की सालाना इनकम पर टैक्स का रेट 10 फीसदी है। 9 लाख से 12 लाख रुपये की इनकम पर टैक्स 15 फीसदी है। 12 लाख से 15 लाख रुपये सालाना इनकम पर टैक्स 20 फीसदी है। 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर टैक्स 30 फीसदी है।
सालाना 7 लाख तक की आय पर रिबेट
यह ध्यान रखना जरूरी है कि नई टैक्स रीजीम में सालाना 7 लाख रुपये तक की इनकम पर रिबेट मिलता है। इससे टैक्स लायबिलिटी जीरो हो जाती है। सालाना 7.5 लाख रुपये तक की इनकम वाले टैक्सपेयर्स की टैक्स लायबिलिटी जीरो हो जाती है। इसकी वजह यह है कि अब नई रीजीम में भी 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। लेकिन, यह डिडक्शन सिर्फ सैलरीड क्लास को मिलता है।
पुरानी रीजीम में 2.5 लाख तक इनकम पर टैक्स नहीं
इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में सालाना 2.5 लाख रुपये की इनकम पर टैक्स नहीं लगता है। 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की इनकम पर टैक्स रेट 5 फीसदी है। 5 लाख रुपये सालाना इनकम वाले लोगों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87ए के तहत 12,500 रुपये का रिबेट मिलता है। इससे उनकी टैक्स लायबिलिटी जीरो हो जाती है। 5 लाख से 10 लाख रुपये की सालाना इनकम पर टैक्स रेट 20 फीसदी है। 10 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर टैक्स रेट 30 फीसदी है।