आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCEA) ने 7 मार्च को कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी। सरकार ने 2024-25 सीजन के लिए जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,050 रुपये से बढ़ाकर 5,335 रुपये कर दिया है। इस तरह, कच्चे जून के MSP में 5.6 पर्सेंट की बढ़ोतरी की गई है। यह 2023-24 के लिए सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में घोषित की गई 6.3 पर्सेंट की बढ़ोतरी से थोड़ा सा कम है।
सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ' यह फैसला कृषि लागत और कीमत आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर किया गया है। जूट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (JCI) कीमतों में समर्थन और किसी तरह के नुकसान आदि के लिए केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी के तौर पर काम करता रहेगा और इस सिलसिले में खर्चों का भुगतान भी करेगा।'
कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने बताया कि कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने से सीधे तौर पर 40 लाख जूट किसान परिवारों को फायदा होगा। उनके मुताबिक, इसके अलावा जूट मिलों में काम करने वाले 5 लाख वर्कर्स को भी इसका फायदा मिलेगा। गोयल ने कहा, ' कई राज्यों के जूट किसानों को इसका फायदा मिलेगा। नया MSP लागत प्लस 65 पर्सेंट का मामला है।'
उन्होंने कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि इस फैसले से जूट किसानों, खास तौर पर पूर्वोत्तर भारत के किसानों को फायदा मिलेगा। इस MSP का सबसे ज्यादा फायदा पश्चिम बंगाल के किसानों को मिलेगा। बिहार, असम और ओडिशा के जूट किसानों को भी इसका फायदा मिलेगा।' मौजूदा 2023-24 सीजन में सरकार ने कच्चे जूट के 6.24 लाख बेल की खरीद की है, जिसकी लागत 524.32 करोड़ रुपये है। सरकार के मुताबिक, इससे 1.65 लाख किसानों को फायदा मिला है।