आईसीआईसीआई बैंक और वीडियोकॉन मामले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने वीडियोकॉन के आला अधिकारियों और दीपक कोचर के खिलाफ प्राथमिक जांच शुरू की है। दीपक कोचर आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर के पति है। सीएनबीसी-आवाज़ को सूत्रों से जानकारी मिली है कि सीबीआई ने अब सबूत जुटाने की शुरुआत कर दी है। इस मामले में सीबीआई ने बैंक के नोडल ऑफिसर का बयान दर्ज किया है। वीडियोकॉन को लोन देने में इस नोडल ऑफिसर की अहम भूमिका थी। इसके अलावा दीपक कोचर को भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक चंदा कोचर को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। इस मामले में सुबूत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज हो सकेगा। हालांकि बैंक ने ये साफ किया है कि उन्हें वीडियोकॉन मामले में एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट से कोई नोटिस नहीं मिला है।
बता दें कि इससे पहले गुरुवार को आईसीआईसीआई बैंक ने चंदा कोचर-वीडियोकॉन मामले में सफाई दी थी। आईसीआईसीआई बैंक के चेयरमैन एम के शर्मा ने कहा था कि चंदा कोचर के खिलाफ आरोप बेबुनियाद हैं और बैंक की साख खराब करने की साजिश हो रही है। 20 बैंकों ने मिलकर वीडियोकॉन ग्रुप को 40 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। इसमें आईसीआईसीआई बैंक का हिस्सा 10 फीसदी से कम था। जिस कमिटी ने कर्ज को मंजूरी दी उसकी मुखिया चंदा कोचर नहीं थीं। कर्ज के बदले चंदा कोचर ने कोई फायदा नहीं लिया और सभी जरूरी डिसक्लोजर दिए।
पूरे मामले को समझने के लिए जान लें कि चंदा के पति दीपक कोचर ने वीडियोकॉन के वेणुगोपल धूत के साथ कंपनी बनाई थी। कंपनी में दीपक कोचर के साथ 2 संबधी और शामिल थे। इस कंपनी को वीडियोकॉन ने 64 करोड़ रुपये का लोन दिया। कंपनी को 9 लाख में दीपक कोचर के ट्रस्ट को दे दिया गया।
इस बीच आईसीआईसीआई बैंक ने धूत के वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया। लोन मिलने के 6 महीने बाद दीपक कोचर के ट्रस्ट को उक्त कंपनी ट्रांसफर हुई। 2017 में वीडियोकॉन के लोन का 86 फीसदी एनपीए घोषित हो गया। इसी कोचर-धूत-आईसीआईसीआई बैंक मामले में जांच चल रही है।