डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसका जड़ से इलाज संभव नहीं है। इसे कंट्रोल करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं। ऐसे ही आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के जरिए भी इसे कंट्रोल किया जा सकता है। इन्हीं जड़ी-बूटियों में से एक त्रिकटु चूर्ण है। इससे आप ब्लड शुगर को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। त्रिकटु चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसे कई जड़ी बूटियों से मिलकर बनाया जाता है। इसे लोग पुराने समय में अस्थमा, खांसी के इलाज, मोटापा बढ़ाने और घटाने के लिए इस्तेमाल किया करते थे। इसके सेवन से पाचन शक्ति में भी सुधार कर सकते हैं।
एक रिसर्च में कहा गया है कि त्रिकटु चूर्ण में जेनिस्टिन, पिपरलॉन्गुमाइन, बीटटा सिटोस्टेरॉल, बीटा-कैरोटीन जैसे फाइटोकैमिकल्स मौजूद होते हैं। इसके सेवन से ब्लड शुगर का लेवल हमेशा कंट्रोल रहता है। सोंठ, पिपली और काली मिर्च से बने इस चूर्ण को त्रिकटू चूर्ण कहते हैं। टाइम-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए यह काफी फायदेमंद है।
त्रिकटु चूर्ण डायबिटीज में फायदेमंद है। इसे त्रिफला, शदह और त्रिकटु के साथ मिलाकर गर्म पानी के साथ लेने से ये कोलेस्ट्राल को कम करता है। इसके सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। इसके सेवन से सेल्स की असमान्य वृद्धि को रोकने में मदद मिलती है। इसमें लिवर को हेल्दी रखने के गुण भी पाए जाते हैं। त्रिकटु चूर्ण और गिलोय को मिलाकर थायरायड में रामबाण इलाज माना जाता है। इन्हें बराबर मात्रा मिलाकर सुबह-शाम आधा चम्मच लेना थायराइड के लक्षणों में कमी आ सकती है। सर्दी-जुकाम होने पर त्रिकटु चूर्ण को शहद के साथ ले सकते हैं। इससे काफी आराम मिलेगा।
घर पर कैसे बनाएं त्रिकटु चूर्ण
त्रिकटु चूर्ण बनाने के लिए पिपली, काली मिर्च, और सोंठ से मिलाकर बनाना होगा। पिपली लौंग को पीसकर बनाया जाता है। अब इन तीनों चीजों को अच्छे से धूप में सूखा लें। फिर सबको पीस लें। पीसने के बाद फिर से धूप में कुछ दिनों तक सुखवाना होगा। फिर कांच के डिब्बे में बंद करके रख लें। इस चूर्ण को एक चुटकी भर लेकर एक गिलास पानी में उबाल लें। फिर हल्का गर्म होने पर पी लें। इसे डॉक्टर की सलाह पर ही सेवन करना चाहिए।
डिस्क्लेमर - यहां बताए गए उपाय सिर्फ सामान्य ज्ञान पर आधारित हैं। इसके लिए आप किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल से सलाह लेने के बाद ही अपनाएं।