India Qatar: भारत को एक बार फिर से बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है। कतर में फांसी की सजा पाने वाले 8 पूर्व भारतीय नौसैनिक रिहा हो गए हैं। भारत सरकार ने सभी 8 भारतीयों की रिहाई पर खुशी जताई है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि 8 में से 7 भारतीय वापस भारत लौट आए हैं। हम अपने नागरिकों की रिहाई और घर वापसी के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं। ये सभी 8 लोग जासूसी के आरोपों का सामना कर रहे थे। उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। भारत के अनुरोध पर उनकी सजा को कतर के अमीर ने पहले ही कम कर दिया था और उम्रकैद में बदल दिया था।
कतर के अमीर के आदेश पर भारतीयों की रिहाई हुई है। एक अपील के बाद सभी 8 लागों को मौत की सजा को बदल कर 5 से 25 साल तक की कैद की सजा दी गई थी। दूसरी अपील पर सुनवाई चल रही थी। इस बीच अमीर के आदेश पर रिहाई हो गई।
अगस्त 2022 में हुए गिरफ्तार
नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों को जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। कतर की एक अदालत ने अक्टूबर में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। ये सभी भारतीय नागरिक दहारा ग्लोबल कंपनी में काम करते थे। यह कंपनी कतर के सशस्त्र बलों को टेक्निकल कंसल्टेंसी सर्विसेज मुहैया कराती है। हालांकि, उन पर लगे आरोपों को कतर के अधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया था। 30 अगस्त 2022 को गिरफ्तारी हुई और 29 मार्च 2023 से ट्रायल शुरू हुआ था। 7 सुनवाई के बाद डेथ की सजा सुना दी गई। कंपनी के सीईओ को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन उन्हें फीफा वर्ल्ड कप से पहले रिहा कर दिया गया।
पीएम मोदी-कतर अमीर की मुलाकात के बाद मिली थी राहत
बता दें कि पिछले साल 1 दिसंबर को दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी के बीच बैठक के बाद पूर्व नौसैनिकों की सजा को कम किया गया था। कतर अमीर के साथ अपनी मुलाकात में पीएम मोदी ने पूर्व अधिकारियों का मुद्दा उठाया था। पूर्व नौसैनिकों के मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया था।