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Ladakh Earthquake: लेह-लद्दाख में भूकंप के जोरदार झटके, रिक्टर स्केल पर 4.5 रही तीव्रता

Ladakh Earthquake: लद्दाख में मंगलवार (26 दिसंबर) को सुबह 4.5 तीव्रता का भूकंप का जोरदार झटका महसूस किया गया। भूकंप की वजह से किसी के भी हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है। भूकंप का केंद्र पांच किलोमीटर की गहराई में बताया जा रहा है। यह जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने दी है

अपडेटेड Dec 26, 2023 पर 9:06 AM
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Ladakh Earthquake: लेह और लद्दाख में 26 दिसंबर को सुबह 4:33 बजे भूकंप के झटके आए।

Ladakh Earthquake: लेह-लद्दाख की धरती भूकंप (Earthquake in Leh-Ladakh) से कांप उठी। आज (26 दिसंबर 2023) पर सुबह करीब 4:33 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी से मिली जानकारी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 मापी गई है। झटके 34.73 अक्षांश और 77.07 देशांतर पर आए। सुबह आए जोरदार झटकों से लोगों की नींद उड़ गई। बहुत से लोग घरों से बाहर निकल आए। लद्दाख के अलावा जम्मू और कश्मीर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जम्मू-कश्मीर के नजदीकी किश्तवाड़ जिले में रिक्टर स्केल पर 3.7 तीव्रता का भूकंप आया। किश्तवाड़ में भूकंप देर रात करीब 1.10 बजे 5 किमी की गहराई पर आया।

बता दें कि इससे पहले नागालैंड में 25 दिसंबर को शाम में 4 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। फिलहाल, लद्दाख से लेकर कश्मीर तक आज तड़के आए भूकंप में किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं सामने आई है।

जानिए क्यों आता है भूकंप


धरती के ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी हैं। जहां भी ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं। वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है। भूकंप तब आता है, जब ये प्लेट्स एक-दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं। ऐसे में जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं, एक-दूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर होती हैं। तब ऐसी स्थिति में जमीन हिलने लगती है। इसे ही भूकंप कहा जाता है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।

कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता और क्या है मापने का पैमाना?

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है। उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

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