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Diabetes के लिए यमराज हैं ये तीन तरह की रोटियां, रोजाना बदल-बदल कर खाएं, Blood Sugar रहेगा डाउन

Diabetes: इन दिनों डायबिटीज एक आम बीमारी हो गई है। हर उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। डायबिटीज होने पर खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इंसुलिन की कमी की वजह से ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है। लिहाजा हम कुछ ऐसे रोटियों के बारे में बता रहे हैं। जिससे ब्लड शुगर हमेशा कंट्रोल रहेगा

अपडेटेड Oct 26, 2023 पर 1:27 PM
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Diabetes: शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से हार्ट, किडनी और आंखों को भारी नुकसान पहुंच सकता है।

Diabetes: पूरी दुनिया डायबिटीज से परेशान है। इनमें भारत सबसे ज्यादा परेशान है। मौजूदा समय में भारत में 8 करोड़ लोगों को डायबिटीज है। साल 2045 तक भारत में 13 करोड़ लोगों पर डायबिटीज का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में भारत को डायबेटिक कैपिटल ऑफ वर्ल्ड कहा जाने लगा है। गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल की वजह से डायबिटीज के मरीज बढ़ रहे हैं। ऐसे में फिजिकल एक्टिविटीज और हेल्दी भोजन बेहद जरूरी है। अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं तो हम कुछ ऐसे आटे की रोटियों के बारे में बता रहे हैं। जिन्हें अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल हमेशा कंट्रोल रहेगा।

डायबिटीज (diabetes)की स्थिति में खून में शुगर (Sugar)यानी ग्लूकोज (glucose)की मात्रा तेजी से बढ़ने लगती है। इससे पैंक्रियाज (pancreas)से बनने वाला हार्मोन इंसुलिन (hormone insulin) कम बनता है। इंसुलिन ही ग्लूकोज को अवशोषित कर इसे एनर्जी में बदल देता है। लेकिन इंसुलिन की मकी से खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है। यह ग्लूकोज खून में तैरता रहता है और यह ब्लड वैसल्स में शरीर के अंग-अंग में पहुंचने लगता है। इससे हार्ट, किडनी, आंख जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचने की आशंका बढ़ जाती है।

डायबिटीज के मरीज इन आटे की रोटियों का करें सेवन


जौ की रोटियां

जौ मोटा अनाज होता है। जिसमे भरपूर फाइबर होता है। इसके साथ ही इसमें बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। जिससे मेटाबोलिज्म बूस्ट होता है। इसी तरह ये इंसुलिन को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा जौ लो ग्रेड इंफ्लामेशन को भी कम करने में मदद करता है। जिससे शरीर में कई तरह को रोगों से बचाव करने में मदद मिलती है। जौ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। जिससे ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है। हेल्थ से जुड़े एक्सपर्ट्स का मानना है कि डायबिटीज के मरीज इसका सेवन कर सकते हैं।

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रागी के आटे की रोटियां

रागी (Finger Millet) मोटे आनाज की श्रेणी में आता है। पोषक तत्वों के नाम पर इसे गोल्ड कहा जाता है। यानी डायबिटीज के मरीजों के लिए इसमें पोषक तत्वों का भंडार है। रागी फाइबर से भरा हुआ अनाज है। इसके आटे की रोटियां कभी भी खून में ग्लूकोज की मात्रा को बढ़ने नहीं देंगी। जिन लोगों को डायबिटीज नहीं है। अगर वह भी हफ्ते में दो-तीन दिन रागी की रोटियां खाते हैं तो उन्हें डायबिटीज का जोखिम कम हो जाएगा। रागी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने में मदद करते हैं।

अमरंथ की रोटियां

अमरंथ रागी की तरह मिलेट है। अमरंथ एक अनाज का पौधा होता है। जिसमें लाल रंग के दाने लगे होते हैं। अमरंथ को राजगीरा कहा जाता है। अमरंथ से दलिया बनाया जाता है। इसे चौलाई भी कहा जाता है। हाल ही की रिसर्च में पाया गया कि अमरंथ में एंटी-डायबेटिक और एंटीऑक्सीडेटिव गुण पाए जाते हैं। यानी इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। आजकल अमरंथ बेहद पॉपुलर हो गया है। अमरंथ की रोटियां ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखती है।

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