Holi 2024: वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में होली है बेहद खास, मिलता है असली आनंद

Holi In Vrindavan: भारत को मंदिरों का देश भी कहा जाता है। जहां हर गली में आपको एक मंदिर मिल जाएगा। वहीं कृष्ण भक्तों के लिए मथुरा का वृंदावन एक अलग ही महत्व रखता है। अगर आप इस बार अपनी होली कुछ खास रखना चाहते हैं तो वृंदावन जरूर जा सकते हैं। यहां होली का त्योहार बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है

अपडेटेड Feb 20, 2024 पर 4:20 PM
Story continues below Advertisement
Holi 2024: इस्कॉन मंदिर में होली के अद्भूत नजारे देखने को मिल जाएंगे।

Holi 2024: होली का नाम सुनते ही भारतीय लोगों का मन खुशी से झूम उठता है। यह रंगों के साथ जीवन का जश्‍न मनाने का त्‍योहार है। साल भर हम सभी रंगों के इस त्‍योहार का इंतजार करते हैं। वैसे तो आप होली को अपने दोस्‍तों और परिवार वालों के साथ अपने मोहल्ले और शहर की सड़कों पर एन्जॉय करते ही होंगे, लेकिन अगर आपको होली का असल आनंद लेना है, तो वृंदावन से अच्‍छी कोई जगह नहीं है। यहां की होली दुनियाभर में मशहूर है। यहां होली का त्योहार हफ्तेभर पहले से ही शुरू हो जाता है। यह रंग पंचमी तक जारी रहता है।

वैसे भी भारत को मंदिरों का देश भी कहा जाता है। जहां हर गली में आपको एक मंदिर मिल जाएंगे। वहीं कृष्ण भक्तों के लिए वृंदावन का अपना ही एक अलग महत्व है। भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में सराबोर होकर सभी भक्त मथुरा और वृन्दावन भारी संख्या में पहुंचते हैं। वृंदावन नगर श्री कृष्ण भगवान के बाल लीलाओं का स्थान माना जाता है। वहीं वृंदावन का इस्कॉन मंदिर, श्री कृष्ण बलराम मंदिर के रूप में जाना जाता है। ये देश के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है।

इस्कॉन मंदिर में होली की धूम


अगर आप होली का असली आनंद लेना चाहते हैं तो वृंदावन जरूर जाएं। यहां एक महीने पहले से ही होली का त्योहार शुरू हो जाता है। बांके बिहारी मंदिर से कुछ ही दूरी पर इस्‍कॉन मंदिर है। इस्कॉन मंदिर में आपको होली के अद्भूत नजारे देखने को मिल जाएंगे। यहां होली में बड़ी संख्या में सैलानियों की भीड़ होती है। लोग रंग-बिरंगे फूलों की होली खेलते हैं। यह मंदिर सफेद टाइल्स से बना हुआ है। इसकी खूबसूरती देखते बनती है। मंदिर के अंदर की पेंटिंग, चित्रकारी बहुत ही मनमोहक है। पूरे परिसर में फूलों की होली जमकर खेल सकते हैं। लोग रंग बिरंगे फूलों और पंखुडि़यों को एक दूसरों पर डालते हैं। इसके साथ ही गोपाल भजन के साथ झूमते रहते हैं।

Holi 2024: वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में होली का त्योहार है बेहद खास, दिखते हैं स्वर्ग जैसे नजारे

इस्कॉन मंदिर का इतिहास

वृन्दावन (Vrindavan News) का इस्कॉन मंदिर का निर्माण 1975 में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) ने किया गया था। इस्कॉन की स्थापना 1966 में ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने की थी। यह मंदिर कृष्ण और उनके भाई बलराम को समर्पित है। जिन्हें भागवान विष्णु के अवतार के रूप में पूजा जाता है। यहां रोजाना होने वाली आरती और भगवद गीता की कक्षाओं से दिव्य मंदिर में आने वाले लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।

इस्कॉन मंदिर में दर्शन और आरती का समय

सर्दी और गर्मी दोनों मौसम में इस्कॉन मंदिर तड़के सुबह 4.10 बजे खुल जाता है। मंदिर खुलने के ठीक बाद समाधि आरती होती है। इसके बाद 4.30 बजे सुबह मंगला आरती होती है। इसके साथ ही अन्य कई तरह की आरती की जाती है। दोपहर 12:45 बजे भगवान को भोग लगाकर मंदिर का द्वार बंद कर दिया जाता है। इसके बाद मंदिर 4.30 बजे शाम को खुलता है और गर्मी के मौसम में रात 8.45 बजे बंद कर दिया जाता है। जबकि सर्दी के मौसम में रात 8.15 बजे बंद कर दिया जाता है।

Jitendra Singh

Jitendra Singh

First Published: Feb 20, 2024 4:11 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।