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Tata Steel को इस काम के लिए मिलेंगे ₹27000 करोड़, शेयरों ने मारी 6% की ऊंची छलांग

Tata Steel Share Price: टाटा स्टील के शेयरों में आज जोरदार तेजी दिखी। इसकी वजह ये है कि नीदरलैंड इसे 326 करोड़ डॉलर (27192 करोड़ रुपये) देगी। आज इसका खुलासा हुआ है। इस खुलासे के चलते टाटा स्टील के शेयर इंट्रा-डे में 6 फीसदी से अधिक उछल गए। मुनाफावसूली के चलते भाव में नरमी आई लेकिन अब भी यह काफी मजबूत स्थिति में है

अपडेटेड Jun 05, 2024 पर 4:13 PM
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टाटा स्टील की फैक्ट्री के चलते आस-पास के इलाके में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य की समस्याएं और पर्यावरण को भी दिक्कतें हो रही हैं। ऐसे में इसके ग्रीन ट्रांसफॉर्मेशन के लिए नीदरलैंड टाटा स्टील को 326 करोड़ डॉलर देगा।
     
     
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    Tata Steel Share Price: टाटा स्टील के शेयरों में आज जोरदार तेजी दिखी। इसकी वजह ये है नीदरलैंड के IJmuiden में स्थित टाटा स्टील की फैक्ट्री के ग्रीन ट्रांसफॉर्मेशन के लिए नीदरलैंड इसे 326 करोड़ डॉलर (27192 करोड़ रुपये) देगी। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट से आज इसका खुलासा हुआ है। इस खुलासे के चलते टाटा स्टील के शेयर इंट्रा-डे में 6 फीसदी से अधिक उछल गए। मुनाफावसूली के चलते भाव में नरमी आई लेकिन अब भी यह काफी मजबूत स्थिति में है। दिन के आखिरी में BSE पर यह 6.55 फीसदी की बढ़त के साथ 169.20 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 6.80 फीसदी के उछाल के साथ 169.60 रुपये तक पहुंच गया था।

    Tata Steel को नीदरलैंड क्यों देगा करोड़ों डॉलर

    ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक टाटा स्टील की फैक्ट्री के चलते आस-पास के इलाके में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य की समस्याएं और पर्यावरण को भी दिक्कतें हो रही हैं। ऐसे में इसके ग्रीन ट्रांसफॉर्मेशन के लिए नीदरलैंड टाटा स्टील को 326 करोड़ डॉलर देगा। इसे लेकर 4 जून को डच पार्लियामेंट ने कंपनी को सब्सिडी देने की मंजूरी दी ताकि रिनोवेशन में तेजी आ सके। हालांकि इसमें कितनी सब्सिडी मिलेगी, इसका जिक्र नहीं है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक इकनॉमिक अफेयर्स और क्लाईमेट की डच मिनिस्ट्री के प्रवक्ता का कहना है कि बाहरी सलाहकारों के अनुमान के हिसाब से सब्सिडी 326 करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है।


    क्या हो रही है दिक्कत?

    न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक डच नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक हेल्थ एंड द एनवायरनमेंट ने पिछले साल कहा था कि टाटा स्टील के डच स्टीलवर्क्स के करीब रहने वाले लोगों की जिंदगी नीदरलैंड के औसत से 2.5 महीने कम है। जीवन प्रत्याशा संयंत्र के उत्सर्जन के कारण नीदरलैंड के औसत से 2.5 महीने कम है। इंस्टीट्यूट ने इसे लेकर जो रिसर्च किया है, उसके मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के संपर्क में आने से फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है और इसके आस-पास के इलाके में 4% नए मामलों का कारण इस प्लांट से होने वाला उत्सर्जन है। रिसर्च में यह भी सामने आया है कि बच्चों में अस्थमा यानी दमा के जो नए मामले आ रहे हैं, उसमें से 3 फीसदी तो इस प्लांट के चलते ही है।

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