सावन का हर दिन शिवभक्तों के लिए खास होता है। इस पूरे महीने में जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, व्रत, उपवास और पूजा-अर्चना के ज़रिए लोग भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। शिवपुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में सावन और भगवान शिव की महिमा का विस्तार से वर्णन मिलता है। कहा जाता है कि शिवजी बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं । उन्हें सच्चे मन से अगर कोई एक बेलपत्र भी अर्पित करे, तो वे प्रसन्न हो जाते हैं।
भगवान शिव भोग-विलास से दूर रहने वाले तपस्वी देवता हैं। उन्हें दिखावा नहीं, बल्कि श्रद्धा और सादगी पसंद है। सावन के इस शुभ अवसर पर शिव को अर्पित करने वाली कुछ खास वस्तुएं ऐसी होती हैं जो न केवल उनकी प्रिय मानी जाती हैं, बल्कि उन वस्तुओं से जुड़े फल भी बहुत चमत्कारी होते हैं। तो आइए जानते हैं वो कौन सी 10 जरूरी चीजें हैं जिन्हें सावन में महादेव को अर्पित करना बहुत शुभ माना गया है ।
जल
शिवलिंग पर जल अर्पित करना सबसे सरल और पवित्र कृत्य माना जाता है। महादेव को जल अर्पित करने से हमारे भीतर के क्रोध, तनाव और अस्थिरता को शांत मिलती है। जल से अभिषेक करने से मन शांत और स्वभाव विनम्र होता है। साथ ही भगवान की कृपा भी बरसती है।
दूध
दूध भगवान शिव को अति प्रिय है। जब हम दूध से अभिषेक करते हैं, तो यह हमारे शरीर और मन को शुद्ध करता है और उत्तम स्वास्थ्य का वरदान मिलता है। यह मानसिक संतुलन और रोगों से रक्षा करने में सहायक होता है।
दही
दही शिवलिंग पर चढ़ाने से हमारे स्वभाव में गंभीरता और स्थिरता आती है। यह मन को चंचलता से बचाता है और सोचने-समझने की शक्ति को बढ़ाता है। अक्सर लोग जब भगवान शिव की अराधना में रुद्राभिषेक कराते हैं तो दही चढ़ाने का प्रयास करते हैं।
शहद
शहद को अर्पित करने से वाणी में मधुरता आती है। जो व्यक्ति कठोर या कड़वे स्वभाव का होता है, उसकी बोली में सौम्यता और आकर्षण पैदा होता है। शहद को संबंधों को मजबूत करने वाला पदार्थ माना जाता है।
घी
घी, जो ऊर्जा और तेज का प्रतीक है, भगवान शिव को चढ़ाने से हमारे भीतर शक्ति, आत्मविश्वास और सहनशक्ति की वृद्धि होती है। साथ ही ये भी माना जाता है कि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है।
चंदन
चंदन को शिव के मस्तक पर लगाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे सम्मान, प्रतिष्ठा और सामाजिक स्तर में वृद्धि होती है। यह ठंडक और शांति का भी प्रतीक है।
भांग
महादेव को भांग अति प्रिय है। इसे अर्पित करने का तात्पर्य है अपने अंदर मौजूद विकारों, बुराइयों और बंधनों का विसर्जन करना। यह आत्मिक शुद्धि और संयम का प्रतीक है।
केसर
केसर शिव को चढ़ाने से हमारे स्वभाव में सौम्यता, कोमलता और धैर्य आता है। यह आत्मिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है और मानसिक रूप से शांति प्रदान करता है।
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