ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के राशि और नक्षत्र परिवर्तन का बहुत महत्व माना जाता है। सभी नौ ग्रह समय-समय पर अपनी राशि बदलते हैं। कभी उनकी चाल मार्गी होती है, तो कभी वह वक्री चाल से चलते हैं। ग्रहों की चाल में होने वाले इन बदलावों का असर सभी राशियों पर होता है। बात अगर ग्रहों के न्यायाधीश कहे जाने वाले शनिदेव की हो तो, ये और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। शनिदेव सबसे धीमी चाल से चलते हैं और एक राशि में लगभग ढाई साल रहते हैं और इस दौरान उनका प्रभाव तीन राशियों पर रहता है। इस साल शनि ग्रह दिवाली पर वक्री होंगे। शनि ग्रह की चाल में इस बदलाव का असर सभी राशियों पर होगा। लेकिन तीन राशियों मिथुन, कुंभ और मकर राशि के जातकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा। शनि ग्रह की स्थिति से इन्हें फायदा ही फायदा मिलेगा।
मिथुन राशि : शनिदेव मिथुन राशि वालों के कर्म स्थान पर वक्री होंगे। इनके लिए शनि का वक्री होना बहुत ही शुभ और अनुकूल होगा। नौकरीपेशा लोगों को नए अवसर मिलेंगे और नई नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को सफलता मिलेगी। इस अवधि में करियर-कारोबार में अच्छी तरक्की मिल सकती है। आर्थिक मामलों में अच्छा लाभ होगा और जीवन में सुख-शांति रहेगी।
कुंभ राशि : कुंभ राशि वालों के लिए शनि का वक्री चाल से चलना बहुत ही शुभ और सकारात्मक साबित होगा। शनिदेव आपकी राशि से धन और वाणी के स्थान पर वक्री होंगे, ऐसे में आपको अचानक धन लाभ के योग हो सकते हैं। इस दौरान आपकी आर्थिक स्थिति में अच्छा सुधार देखने को मिलेगा। आप अपनी वाणी के प्रभाव के चलते लोगों को काफी प्रभावित करने में सफल होंगे।
मकर राशि : शनिदेव मकर राशि के जातकों की राशि से तीसरे भाव में वक्री होंगे। इनके लिए शनि का वक्री होना अच्छा परिमाण दिलाएगा। इस दौरान किसी तरह की संपत्ति या वाहन की खदीदारी करने का अच्छा अवसर मिल सकता है। वैवाहिक जीवन में अगर कोई परेशानी है तो वह भी दूर हो सकती है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सामग्री जानकारी मात्र है। हम इसकी सटीकता, पूर्णता या विश्वसनीयता का दावा नहीं करते। कृपया किसी भी कार्रवाई से पहले विशेषज्ञ से संपर्क करें