Elon Musk's Tesla: केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने 2 जून को घोषणा की कि भारत जल्द ही अपनी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी के तहत आवेदन आमंत्रित करेगा। इसी बीच उन्होंने यह भी बताया कि टेस्ला के निकट भविष्य में भारत में वाहनों का निर्माण करने की संभावना नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने इस बात को स्पष्ट किया कि टेस्ला की दिलचस्पी केवल भारत में शोरूम खोलने में है। उन्होंने कहा, उम्मीद है कि टेस्ला भारत में अपनी शुरुआत इंपोर्टेड EV के साथ करेगी। शुरुआत में इसमें कोई स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शामिल होने की संभावना नहीं है।
टेस्ला की भारत में शो रूम खोलने की तैयारी
इस साल की शुरुआत में, टेस्ला ने मुंबई और दिल्ली में शोरूम के लिए जगह तय कर ली थी और दो दर्जन से अधिक नौकरियों के लिए ओपनिंग भी पोस्ट की थी। फरवरी में, रॉयटर्स ने बताया कि टेस्ला ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में स्थित मेकर मैक्सिटी में अपने शोरूम के लिए जगह तय कर ली है, जिसका मासिक किराया लगभग ₹32 लाख होगा। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने 16 फरवरी, 2025 से पांच साल की लीज पर हस्ताक्षर किए हैं। 4,003 वर्ग फुट (372 वर्ग मीटर) की जगह के लिए पहले साल के लिए करीब $446,000 का किराया देगी, जो लगभग एक बास्केटबॉल कोर्ट के आकार का है।
भारत की नई EV मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी
भारत की नई EV मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी भारत को EV मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में बढ़ावा देने और प्रतिष्ठित वैश्विक EV निर्माताओं से निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखती है। मार्च 2024 में घोषित इस पॉलिसी के तहत, ₹35,000 या उससे अधिक कीमत वाली इलेक्ट्रिक कारों पर 15% की कम आयात शुल्क की पेशकश की जाती है, बशर्ते निर्माता तीन साल के भीतर एक स्थानीय कारखाना स्थापित करने के लिए कम से कम ₹4,150 करोड़ (लगभग $500 मिलियन) का निवेश करें। इस योजना के तहत, कंपनियों को कम इंपोर्ट ड्यूटी पर प्रति वर्ष 8,000 ईवी तक आयात करने की अनुमति होगी। यह पॉलिसी एलन मस्क के नेतृत्व वाली टेस्ला जैसी कंपनियों को आकर्षित करने के भारत के व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जिसने लंबे समय से भारत के उच्च आयात शुल्क की आलोचना की है।
'मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं बनाने वाली है टेस्ला'
मंत्री कुमारस्वामी ने जोर देकर कहा कि टेस्ला का ध्यान फिलहाल भारत में मैन्युफैक्चरिंग स्थापित करने पर नहीं है। कंपनी का ध्यान फिलहाल इंपोर्टेड वाहनों की बिक्री और शोरूम खोलने पर केंद्रित है। मंत्री कुमारस्वामी का यह बयान भारत सरकार के 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत स्थानीय EV उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयासों के बीच आया है। जबकि अन्य वैश्विक कंपनियां जैसे मर्सिडीज-बेंज, वोक्सवैगन, हुंडई और किआ भारत की नई EV पॉलिसी में इंटरेस्ट दिखा रही हैं। हालांकि टेस्ला की प्राथमिकताएं फिलहाल इससे अलग दिख रही हैं।