Ola Electric: अपने इलेक्ट्रिक स्कूटरों के लिए मशहूर ओला इलेक्ट्रिक एक नए अध्याय की शुरुआत करने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने पुष्टि की है कि वह दिवाली से ठीक पहले 17 अक्टूबर को अपने पहले नॉन-व्हीकल (यानि वाहन से अलग) प्रोडक्ट की घोषणा करेगी। इस टीजर ने पूरे उद्योग जगत में हलचल मचा दी है, और कई लोग इसे ओला के ऊर्जा भंडारण (एनर्जी स्टोरेज) व्यवसाय में प्रवेश के रूप में देख रहे हैं।
ओला इलेक्ट्रिक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर भाविश अग्रवाल ने सोमवार शाम एक्स (पहले ट्विटर) पर इस बात का संकेत दिया। उन्होंने लिखा, "बिजली हमेशा से एक उपयोगिता रही है, लेकिन अब यह डीप टेक बन गई है - इंटेलिजेंट, पोर्टेबल और पर्सनल!", जिससे पता चलता है कि आने वाला यह प्रोडक्ट कंपनी द्वारा अब तक पेश किए गए किसी भी प्रोडक्ट से अलग होगा।
बाजार पर नजर रखने वाले इस घटनाक्रम पर पैनी नजर रखे हुए हैं। हालांकि, ओला के शेयर शुरुआती भाव से 0.06 प्रतिशत नीचे बंद हुए, लेकिन अग्रवाल के पोस्ट पर बाजार की प्रतिक्रिया अगले कारोबारी सत्र में दिखने की उम्मीद है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर कंपनी ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में कदम रखती है, तो यह अरबों डॉलर का अवसर खोल सकती है। उद्योग के अनुमानों के अनुसार, इस दशक के अंत तक घरेलू ऊर्जा भंडारण बाजार 30 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।
अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि ओला इस तरह के कदम के लिए अच्छी स्थिति में है। इसकी तमिलनाडु स्थित गिगाफैक्ट्री, जहां यह इन-हाउस 4680 भारत सेल का उत्पादन करती है, कंपनी को एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग बेस प्रदान करती है, जिसे भंडारण समाधानों के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। मौजूदा GWh उत्पादन क्षमता का उपयोग करते हुए, ओला नई सुविधाओं में भारी निवेश किए बिना घरों और व्यवसायों के लिए भंडारण प्रणालियां (स्टोरेज सिस्टम) लॉन्च कर सकती है। कंपनी की देशव्यापी खुदरा उपस्थिति नए उत्पाद के वितरण नेटवर्क के रूप में भी काम कर सकती है।
इससे बेहतर समय और क्या हो सकता था। भारत में विश्वसनीय और पोर्टेबल ऊर्जा समाधानों की मांग बढ़ रही है, और सरकार स्वच्छ-तकनीक क्षेत्रों में लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दे रही है। अगर ओला बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) का अनावरण करती है, तो यह सीधे तौर पर इस मांग को पूरा कर सकती है, साथ ही इलेक्ट्रिक स्कूटर बाजार से आगे भी विविधता ला सकती है, जहां प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
यह घोषणा ओला की में शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर बदलाव के तुरंत बाद आई है। इसके सबसे बड़े निवेशकों में से एक, जापान के सॉफ्टबैंक ने इस साल की शुरुआत में अपनी हिस्सेदारी 17.83 प्रतिशत से घटाकर 15.68 प्रतिशत कर दी थी। जापानी ग्रुप ने जुलाई और सितंबर के बीच खुले बाजार में हुए सौदों में लगभग 9.5 करोड़ शेयर बेचे, जो यह दर्शाता है कि ओला के नए अवसरों की तलाश के बीच निवेशक सावधानीपूर्ण रुख अपना रहे हैं।