Manufacturing PMI for May : 2 जून को आए प्राइवेट सेक्टर के एक सर्वेक्षण के परिणामों से पता चला कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि पिछले महीने के 58.2 की तुलना में घटकर तीन महीने के निचले स्तर 57.6 पर आ गई है। जब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पारस्परिक टैरिफ लगाए हैं,मई में एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स में पहली गिरावट आई है। ट्रंप टैरिफ से अमेरिका में आयात लागत लगभग एक सदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
एचएसबीसी की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा कि भारत के मई मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में मजबूती दिखी है। हालांकि उत्पादन और नए ऑर्डर में बढ़त की दर पिछले महीने की तुलना में कम रही है।
मई की पीएएमआई आंकड़ा 58.3 के प्रारंभिक आंकड़े से कम है। सर्विस सेक्टर के आंकड़े 4 जून को जारी किए जाएंगे। इनके प्रदर्शन बेहतर रहने की संभावना है,क्योंकि इसके प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि इसकी इंडेक्स वैल्यू 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
जनवरी-मार्च तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने अच्छा प्रदर्शन किया तथा विकास दर चार तिमाहियों के उच्चतम स्तर 7.4 फीसदी पर पहुंच गई, जबकि पिछले महीने यह 6.4 फीसदी रही थी। हाई ग्रोथ के चलते भारत की जीडीपी ग्रोथ को आरबीआई द्वारा तय लक्ष्य के मुताबिक 6.5 फीसकी तक पहुंच गई है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में भी 6.5 फीसकी की ग्रोथ का लक्ष्य रखा है। जबकि मनीकंट्रोल के 20 अर्थशास्त्रियों के बीच कराए गए पोल ने औसत ग्रोथ 6.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।
इधर कर आए आंकड़ों से पता चलता है कि देश में GDP ग्रोथ की रफ्तार बरकरार है। इकोनॉमी के ग्रोथ की रफ्तार अनुमान से बेहतर रही है। तिमाही आधार पर चौथी तिमाही में GDP ग्रोथ 6.2 फीसदी से बढ़कर 7.4 फीसदी है है। FY25 में भी इकोनॉमिक ग्रोथ अनुमान के मुताबिक रही है। वित्त मंत्री ने कहा है कि पिछले 4 सालों से ग्रोथ की रफ्तार बरकरार रही है।