भारत के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने इस फाइनेंशियल ईयर में जीडीपी ग्रोथ 6.8 फीसदी से ज्यादा रहने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि जीएसटी में कमी, इनकम टैक्स में राहत, प्राइवेट इनवेस्टमेंट में इजाफा और बढ़ते विदेशी निवेश का इंडिया की ग्रोथ में बड़ा हाथ होगा। सीएनबीसी-टीवी18 ग्लोबल लीडरशिप समिट में उन्होंने कहा कि पहले उन्हें जीडीपी ग्रोथ 6.3-6.8 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद थी। अब इसके 6.8 फीसदी पार कर जाने की उम्मीद है।
इकोनॉमिक सर्वे में 6.3-6.8 फीसदी ग्रोथ का अनुमान
इस साल जनवरी में संसद में पेश इकोनॉमिक सर्वे में FY26 में भारत की GDP Growth 6.3-6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था। उन्होंने कहा, "इस वक्त मैं भरोसे के साथ कह सकता हूं कि ग्रोथ 6.5 फीसदी से ज्यादा रहेगी। मुझे इसके 6.8 फीसदी से ज्यादा रहने की उम्मीद दिखती है। हालांकि, 7 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान जताने से पहले मैं दूसरी तिमाही के नतीजों के इस दिशा की पुष्टि करने का इंतजार करूंगा।"
यूएस से ट्रेड डील होने पर बढ़ेगी ग्रोथ की रफ्तार
सीईए ने कहा कि अगर भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील हो जाती है तो ग्रोथ की रफ्तार बढ़ सकती है। भारत और अमेरिका के बीच इस डील को लेकर बातचीत चल रही है। अगले कुछ महीनों में यह डील हो जाने के संकेत हैं। इधर, इंडिया में सरकार ने ऐसे कई कदम उठाए हैं, जिनका पॉजिटिव असर ग्रोथ पर पड़ने की उम्मीद है। इनमें जीएसटी कमी प्रमुख है। जीएसटी काउंसिल ने 350 से ज्यादा चीजों पर जीएसटी में कमी का फैसला लिया है, जो 22 सितंबर से लागू हो गया है। इससे कंजम्प्शन बढ़ेगा, जिसका पॉजिटिव असर ग्रोथ पर पड़ेगा।
पहली तिमाही में 7.8 फीसदी से ज्यादा जीडीपी ग्रोथ
इस साल की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी से ज्यादा रही। यह एनालिस्ट्स के अनुमान से ज्यादा था। एनालिस्ट्स ने जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.5-7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। एक साल पहले की समान अवधि में जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी थी। सरकार ने इनकम टैक्स में बड़ी राहत दी है। सालाना 12 लाख तक की इनकम टैक्स-फ्री हो गई है। इससे लोगों की जेब में ज्यादा पैसे बचेंगे, जिससे कंजम्प्शन को बढ़ावा मिलेगा।