OECD ने FY26 में जीडीपी ग्रोथ 6.7% रहने का अनुमान जताया, यह सितंबर तिमाही की 8.2% ग्रोथ से काफी कम

OECD ने अपने इकोनॉमिक आउटलुक में कहा है कि इंडिया की इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेज ग्रोथ वाली इकोनॉमीज में से एक बनी हुई है। इसमें स्ट्रॉन्ग इनवेस्टमेंट और सर्विसेज का हाथ है। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ट्रेड डील के लिए अमेरिका के साथ भारत की बातचीत चल रही है। इस डील के होने से अमेरिकी टैरिफ में कमी आएगी

अपडेटेड Dec 02, 2025 पर 10:08 PM
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सितंबर तिमाही में 8.2 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ के डेटा के बाद इकोनॉमिस्ट्स ने FY26 में इकोनॉमी की ग्रोथ के अपने अनुमान को बढ़ाकर 7 फीसदी से ज्यादा कर दिया है।

इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ इस फाइनेंशियल ईयर में 6.7 फीसदी रह सकती है। ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) ने यह अनुमान जताया है। उसने 2 दिसंबर को इंडिया की जीडीपी ग्रोथ के अपने अनुमान में बदलाव नहीं किया। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 8.2 फीसदी रही। यह आरबीआई और इकोनॉमिस्ट्स के अनुमान से काफी ज्यादा है।

FY27 में 6.2 फीसदी रह सकती है ग्रोथ

OECD ने अपने इकोनॉमिक आउटलुक में कहा है कि इंडिया की इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेज ग्रोथ वाली इकोनॉमीज में से एक बनी हुई है। इसमें स्ट्रॉन्ग इनवेस्टमेंट और सर्विसेज का हाथ है। इस रिपोर्ट में कहा गया है, " इंडिया की रियल जीडीपी ग्रोथ 2025-26 में 6.7 फीसदी, 2026-27 में 6.2 फीसदी और 2027-28 में 6.4 फीसदी रह सकती है।"


एक्सपोर्ट्स पर अमेरिकी टैरिफ का असर

ओईसीडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "अमेरिकी टैरिफ का इंडिया के एक्सपोर्ट्स पर असर पड़ेगा। लेकिन, प्राइवेट कंजम्पशन को बढ़ती रियल इनकम का सपोर्ट मिलेगा, क्योंकि इनफ्लेशन कम है और टैक्स में कम से कंजम्प्शन बढ़ रहा है।" उसने कहा है कि इंडिया में इनवेस्टमेंट जारी रहेगा, क्योंकि कर्ज की कॉस्ट में कमी आई है। पब्लिक एक्सपेंडिचर स्ट्रॉन्ग है।

अमेरिका से ट्रेड डील होने से एक्सपोर्ट्स बढ़ेगा

इनफ्लेशन के बारे में ओईसीडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "रिटेल इनफ्लेशन आखिर में 4 फीसदी के टारगेट तक जाएगा।" अक्तूबर में इंडिया में रिटेल इनफ्लेशन 0.3 फीसदी रहा, जो 13 सालों में सबसे कम है। ओईसीडी के मुताबिक, ट्रेड डील के लिए अमेरिका के साथ भारत की बातचीत चल रही है। इस डील के होने से अमेरिकी टैरिफ में कमी आएगी। इससे एक्सपोर्ट्स और इनवेस्टमेंट बढ़ेगा। लेकिन, हाई प्राइस पर ऑयल का इंपोर्ट इनफ्लेशन पर दबाव बना सकता है।

इकोनॉमिस्ट्स बढ़ा रहे FY26 में ग्रोथ का अनुमान

सितंबर तिमाही में 8.2 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ के डेटा के बाद इकोनॉमिस्ट्स ने FY26 में इकोनॉमी की ग्रोथ के अपने अनुमान को बढ़ाकर 7 फीसदी से ज्यादा कर दिया है। हालांकि, ओईसीडी का मानना है कि अमेरिका के इंडिया पर ज्यादा टैरिफ लगाने का असर 2025-26 में इंडिया की ग्रोथ पर पड़ेगा। इससे ग्रोथ में 0.4 फीसदी कमी आ सकती है।

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आरबीआई के पास इंटरेस्ट रेट घटाने की गुंजाइश

ओईसीडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई के पास इंटरेस्ट रेट में कमी करने की गुंजाइश है। केंद्रीय बैंक 5 दिसंबर को मॉनेटरी पॉलिसी पेश करेगा। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक 3 दिसंबर को शुरू होगी। कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 8.2 फीसदी रहने के बाद आरबीआई के इंटरेस्ट रेट में कमी करने की उम्मीद कम हो गई है।

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