Services activity data for November : 3 दिसंबर को जारी प्राइवेट सेक्टर के सर्वे के मुताबिक भारत के सर्विस सेक्टर ने नवंबर में भी मज़बूती दिखाई है। इस सेक्टर की एक्टिविटी अक्टूबर के 58.9 से बढ़कर 59.8 हो गई है। सर्विस सेक्टर में यह उछाल लगातार दो महीनों की नरमी के बाद आया है। हालांकि, HSBC सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) लगातार दूसरे महीने 60 से नीचे बना हुआ है। जून और सितंबर के बीच,इंडेक्स का एवरेज 61.3 के मजबूत स्तर पर रहा है।
नवंबर में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी नौ महीने के सबसे निचले स्तर पर रही
नवंबर में सर्विस सेक्टर का परफॉर्मेंस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से बिल्कुल अलग है। नवंबर में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी नौ महीने के सबसे निचले स्तर 56.6 पर आ गई है। इस पर घरेलू डिमांड में नरमी और इस साल की शुरुआत में घोषित US टैरिफ का असर देखने को मिला है। दोनों सेक्टर के बीच का अंतर यह दिखाता है कि इकॉनमिक ड्राइवर धीरे-धीरे रीबैलेंस हो रहे हैं, जिसमें फैक्ट्री आउटपुट में कमी आने के बावजूद सर्विस सेक्टर की एक्टिविटी ओवरऑल इकोनॉमी को सपोर्ट कर रही है। भारत के ब्रॉडर मैक्रो इंडीकेटर भी इसी तरह के पैटर्न की ओर इशारा कर रहे हैं।
पहली छमाही में GDP में 8 फीसदी की शानदार ग्रोथ
पहली छमाही में GDP में 8 फीसदी की शानदार ग्रोथ देखने को मिली है जो उम्मीद से कहीं ज़्यादा रही है। लेकिन दूसरी छमाही में इसमें कुछ नरमी आने की उम्मीद है। 1 दिसंबर को जारी इंडस्ट्रियल आउटपुट डेटा से पता चला कि अक्टूबर में इंडेक्स ऑफ़ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) सिर्फ़ 0.4 फीसदी बढ़ा, जो 14 महीनों में इसकी सबसे धीमी रफ़्तार है।
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की पॉलिसी मीटिंग पर रहेगी नजर
अब सभी का फोकस रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की पॉलिसी मीटिंग पर है। इकोनॉमिस्ट इस बात पर बंटे हुए हैं कि मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी रेट्स में और 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करेगी या नहीं। हालांकि मैन्युफैक्चरिंग में नरमी और कमजोर IIP आंकड़े, आरबीआई की दरों में कटौती की संभावना को मजबूत करते हैं। लेकिन दूसरी तिमाही की GDP में 8.2 फीसदी की मजबूत ग्रोथ रेट कटौती की संभावना को धूमिल कर रही है। RBI रेट कटौती पर अपना फैसला 5 दिसंबर को सुनाएगा।