Trump tariff standoff : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दोपहर 1 बजे एक उच्च-स्तरीय कैबिनेट बैठक बुलाएंगे, जिसमें अमेरिका द्वारा हाल ही में भारतीय निर्यात पर लगाए गए भारी टैरिफ़ के प्रभावों की समीक्षा की जाएगी। हालांकि बैठक के एजेंडे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टैरिफ़ का मुद्दा मुख्य रूप से चर्चा का विषय रहेगा।
यह मीटिंग वाशिंगटन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत करने के कदम के बाद बढ़ते ट्रेड तनाव के माहौल में हो रही है। इस बैठक में होने वाली चर्चा में अमेरिकी टैरिफ के जवाब में भारत की रणनीतिक कार्रवाई पर फोकस रहने की उम्मीद है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ हाइक का एलान किया। इसकी मुख्य वजह भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की निरंतर खरीद को बताया गया। यह बढ़त 20 जुलाई से लागू हुए 25 फीसदी टैरिफ के बाद की गई है।
इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी कदम को "अनुचित और अविवेकपूर्ण" बताते हुए इसकी निंदा की तथा इस बात पर बल दिया कि भारत की ऊर्जा जरूरतों और रणनीतिक स्वतंत्रता को बरकरार रखा जाना चाहिए।
नए टैरिफ के लागू होने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों की रक्षा के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। गुरुवार को दिल्ली में एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए, उन्होंने कहा "किसानों का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत उनके हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। मुझे पता है कि मुझे इसके लिए व्यक्तिगत रूप से भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं तैयार हूँ - और भारत भी - अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हित कि रक्षा लिए तैयार है।"
उधर भारत से अमेरिका में होने वाले आयात पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद,शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ आगे किसी भी ट्रेड वार्ता से इनकार कर दिया है,जिससे अमेरिका-भारत ट्रेड तनाव दो दशकों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि जब तक भारत के रूसी तेल खरीदने के मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता तब तक भारत और अमेरिका के बीच कोई भी ट्रेड वार्ता नहीं हो सकती।