Trump tariff standoff : भारत से अमेरिका में होने वाले आयात पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ आगे किसी भी ट्रेड वार्ता से इनकार कर दिया है, जिससे अमेरिका-भारत ट्रेड तनाव दो दशकों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि जब तक भारत के रूसी तेल खरीदने के मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता तब तक भारत और अमेरिका के बीच कोई भी ट्रेड वार्ता नहीं हो सकती। यह बात उन्होंने इस सवाल के जवाब में कही कि क्या उन्हें 50 फीसदी टैरिफ के मद्देनजर दोनों देशों के बीच वार्ता फिर से शुरू होने की उम्मीद है। ट्रंप का यह बयान रूस से तेल खरीदना जारी रखने वाले देशों के खिलाफ "अतिरिक्त प्रतिबंधों" की उनकी पूर्व चेतावनी के बाद आया है।
ट्रंप ने कहा 'अभी तो सिर्फ़ 8 घंटे हुए हैं, आगे बहुत कुछ देखने को मिलेगा'
व्हाइट हाउस में एक प्रेस वार्ता के दौरान ट्रंप से पूछा गया कि रूसी तेल खरीदने के लिए भारत को ही क्यों टारगेट किया जा रहा है, जबकि चीन सहित कई दूसरे देश भी ऐसा ही कर रहे हैं। इसके जवाब में, ट्रंप ने कहा, "अभी तो सिर्फ़ 8 घंटे हुए हैं। आगे देखते हैं क्या होता है। आपको और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा...आपको कई और प्रतिबंध देखने को मिलेंगे।"
रूसी तेल की खऱीद को अमेरिका के लिए एक "असामान्य और असाधारण खतरा" बताया गया
उनका यह बयान व्हाइट हाउस द्वारा बुधवार को एक कार्यकारी आदेश जारी करने के बाद आया है। इस बयान में भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया जिससे भारत पर लगने वाला कुल टैरिफ बढ़कर 50 फीसदी हो गया है। अमेरिकी प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए, विशेष रूप से भारत द्वारा रूसी तेल के लगातार हो रहे आयात की ओर इशारा किया। अमेरिका की तरफ से दावा किया गया है कि ये आयात, चाहे प्रत्यक्ष हों या बिचौलियों के माध्यम से, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक "असामान्य और असाधारण खतरा" पेश करते हैं और इन आपातकालीन आर्थिक उपायों को उचित ठहराते हैं।
भारत पर लगाया जाने वाला 25 फीसदी टैरिफ 7 अगस्त को लागू हो गया है। वहीं, अतिरिक्त शुल्क 21 दिनों में प्रभावी हो जाएगा और अमेरिकी बंदरगाहों में प्रवेश करने वाले सभी भारतीय सामानों पर लागू होगा।
रूस से तेल आयात पर भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने के अमेरिका के कदम को "अनुचित और अविवेकपूर्ण" बताते हुए विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि नई दिल्ली "अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करेगा।"