Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आते ही राजनीतिक दलों की तैयारी तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी चुनावी रणनीति को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेताओं को बिहार चुनाव का सीनियर ऑब्जर्वर (Senior Observer) नियुक्त किया है।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शनिवार (4 अक्टूबर) को इस संबंध में आधिकारिक सूची जारी की है। इसकी जानकारी बिहार कांग्रेस की सोशल मीडिया X (पूर्व ट्विटर) पर भी दी गई है। इसके तहत राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पश्चिम बंगाल के पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीनियर ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी दी गई है।
यह तीनों नेता बिहार में पार्टी की चुनावी तैयारियों की निगरानी करेंगे और संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ टिकट वितरण और रणनीति पर अहम भूमिका निभाएंगे। पार्टी को उम्मीद है कि इन अनुभवी नेताओं की मौजूदगी से संगठन में नई ऊर्जा आएगी और कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ेगा।
इन्हें मिली बड़ी जिम्मेदारी
कांग्रेस ने बिहार के सभी जिलों में जिला पर्यवेक्षक (District Observers) की भी तैनाती की है। सूत्रों के मुताबिक, इन पर्यवेक्षकों को जमीनी स्तर पर संगठन की सक्रियता बढ़ाने, बूथ कमेटियों को मजबूत करने और स्थानीय मुद्दों की पहचान करने की जिम्मेदारी दी गई है।
इनमें प्रदीप जैन आदित्य, अनिल चौधरी, अभिषेक दत्त, रामकिशन ओझा, सत्यनारायण पटेल, चेतन चौहान, बी.वी. श्रीनिवास, विक्रांत भूरिया, अविनाश पांडे, कमेश्वर पटेल, हरीश चौधरी, काजी निजामुद्दीन, अजय कुमार लल्लू, भक्त चरण दास, अजय राय, शुभांकर सरकार, बंटी पटेल, ईशा खान चौधरी और तनुज पुनिया जैसे नाम शामिल हैं।
कांग्रेस ने शुरू किया जनसंपर्क अभियान
इसके साथ ही कांग्रेस ने बिहार में 'बीस साल, बीस सवाल' नाम का एक नया जनसंपर्क अभियान भी शुरू किया है। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य डबल इंजन सरकार से पिछले 20 वर्षों का हिसाब मांगना है।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत पार्टी कार्यकर्ता रोजाना जनता के बीच जाकर नीतीश कुमार और BJP सरकार से बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार और महंगाई से जुड़े मुद्दे पर सवाल पूछेंगे।
कांग्रेस ने साफ किया है कि आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में वह महागठबंधन RJD, CPI, CPI-M आदि दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी, पार्टी का मकसद न सिर्फ महागठबंधन को मजबूत करना है बल्कि प्रदेश में अपनी खोई राजनीतिक जमीन को फिर से हासिल करना भी है।