Bihar Assembly Election: बिहार में चुनावी माहौल गर्म है। सभी पार्टियां तैयारी में लगी हैं और नेता लगातार बयान दे रहे हैं। इस बीच राजद नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने गुरुवार रात (21 अगस्त) को एक बड़ा दावा किया था। उन्होंने सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट शेयर कर कहा था कि वे शुक्रवार (22 अगस्त) को उन 5 परिवारों का नाम उजागर करेंगे, जिन्होंने मिलकर उनकी राजनीति को खत्म करने की साजिश रची। तेज प्रताप ने इन्हें 'जयचंद' कहा था।
तेज प्रताप का यह बयान सामने आते ही बिहार की राजनीति में हलचल मच गई थी। लोग अंदाजा लगाने लगे कि आखिर वो 5 लोग कौन होंगे? क्या उनका इशारा अपने ही परिवार के कुछ लोगों पर है या फिर विपक्षी नेताओं पर?
फुस्स बम साबित हुआ तेज प्रताप का दावा
तेज प्रताप ने जिस तरह से दावा किया था, उससे लोगों में उत्सुकता बढ़ गई थी। समर्थक, कार्यकर्ता और यहां तक कि विरोधी भी 22 अगस्त का इंतजार कर रहे थे कि आखिर तेज प्रताप किसका नाम लेते हैं। लेकिन इंतजार करते-करते सुबह से शाम हो गई, और शाम से रात, लेकिन तेज प्रताप यादव का इस संबंध में कोई बयान नहीं आया, न तो उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और न ही किसी का नाम बताया। पूरा दिन निकल गया और लोगों को समझ में आ गया कि तेज प्रताप का दावा महज फुस्स बम है। ऐसा माना जा रहा था कि उनका खुलासा चुनाव से पहले बड़ा राजनीतिक धमाका कर सकता है।
सोशल मीडिया पर लोगों ने घेरा
तेज प्रताप द्वारा कोई बयान नहीं देने के कारण, कई लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया कि जब उन्होंने इतना बड़ा ऐलान किया था तो फिर पीछे क्यों हट गए? क्या यह सिर्फ सुर्खियां बटोरने की कोशिश थी? वहीं विपक्षी नेताओं ने तंज कसते हुए कहा कि तेज प्रताप सिर्फ चर्चा में रहने के लिए ऐसे बयान देते हैं। उन्होंने कहा कि राजद परिवार के अंदर ही तालमेल नहीं है और ऐसे में जनता का भरोसा पाना मुश्किल है।
परिवार और पार्टी है निष्काषित
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई थी। तस्वीर सामने आते ही राजनीति से लेकर परिवार तक में हलचल मच गई थी। विवाद इतना बढ़ा कि उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया। इतना ही नहीं, उनके परिवार ने भी सार्वजनिक तौर पर उनसे दूरी बना ली।
पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद तेज प्रताप यादव ने हार नहीं मानी और अपनी नई राजनीतिक पारी शुरू करने का ऐलान कर दिया। उन्होंने 'टीम तेज प्रताप' नाम से संगठन बनाया और महुआ विधानसभा से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। इसके साथ ही महुआ में उन्होंने रैली भी की, जहां उन्होंने खुद को जनता का असली प्रतिनिधि बताते हुए बड़ी संख्या में समर्थकों को जोड़ने की कोशिश की।
कुछ दिन बाद तेज प्रताप यादव ने अपनी 'टीम तेज प्रताप' का विकास वंचित इंसान पार्टी (VVIP) के साथ गठबंधन कर लिया। इस दौरान उन्होंने वीआईपी (VIP) पर भी बड़ा हमला बोला और कहा कि असली पार्टी तो VVIP है, जबकि VIP को उन्होंने 'नकली पार्टी' करार दिया।
बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। नेता लगातार नए-नए दावे और वादों के जरिए जनता को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं।