
बिहार विधानसभा चुनाव (2025) को लेकर सियासी बयानबाजी लगातार तेज होती जा रही है। इसी बीच शनिवार (25 अक्टूबर) को खगड़िया जिले के गोगरी में हुई एक जनसभा के दौरान RJD के MLC कारी शोएब का बड़ा और विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने मंच से कहा कि अगर तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनते हैं, तो मौजूदा सरकार के सभी बिल फाड़ दिए जाएंगे, चाहे वो वक्फ कानून हो या कोई और।
कारी शोएब ने कहा, "तेजस्वी यादव जी मुख्यमंत्री बनेंगे, तो सारे बिल फाड़ के फेंक दिए जाएंगे। चाहे वो वक्फ बिल हो या कोई और बिल। बिहार में सिर्फ इंसानियत, मोहब्बत और भाईचारे की सरकार होगी। बीजेपी के बहकावे में मत आना, जिन्होंने वक्फ बिल का समर्थन किया, उनका इलाज करना है।"
किसका इलाज करना है? यही जंगल राज के लक्षण हैं और इसे कुचलना हैं।
Congress RJD don't respect Supreme Court, they never respect Parliament & they openly insult Democracy! People of Bihar will teach them a lesson. pic.twitter.com/KxaiRLNI3H — Kiren Rijiju (@KirenRijiju) October 25, 2025
उनका यह बयान खगड़िया के परबत्ता विधानसभा सीट से RJD प्रत्याशी डॉ. संजीव कुमार के समर्थन में आयोजित जनसभा के दौरान आया। सभा में मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस बयान पर तालियां तो बजाईं, लेकिन राजद के अंदर ही कई नेताओं ने इसको लेकर असहज भी महसूस किया।
कारी शोएब का यह बयान अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
NDA नेताओं का पलटवार
इस बयान पर केंद्रीय मंत्री किरन रिजीजू ने X (पूर्व ट्विटर) पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, "किसका इलाज करना है? यही जंगलराज के लक्षण हैं। कांग्रेस और RJD सुप्रीम कोर्ट की इज्जत नहीं करते, संसद का सम्मान नहीं करते और लोकतंत्र का खुला अपमान करते हैं। बिहार की जनता इन्हें सबक सिखाएगी।”
वहीं, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी कारी शोएब पर तंज कसते हुए कहा, "हम कहते हैं कि अगर हमारी सरकार बनी तो चांद को पृथ्वी पर ले आएंगे, क्या ये संभव है? RJD के नेता जानते हैं कि उनसे कुछ होने वाला नहीं है, इसलिए आएं बाएं बोल रहे हैं।"
बिहार की सियासत में नया बवाल
कारी शोएब के बयान से राजद के भीतर भी असहजता देखी जा रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह बयान महागठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, क्योंकि वक्फ कानून एक संवेदनशील मुद्दा है।
बिहार में पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब सभी दल चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। ऐसे में RJD MLC का यह बयान NDA को एक नया हमला करने का मौका दे गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनावी माहौल में ऐसे विवादित बयान न केवल विपक्ष को मजबूत करते हैं बल्कि आम मतदाता की सोच को भी प्रभावित कर सकते हैं।
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