बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सियासत और भी गरमा गई है। नेताओं की बयानबाजी, मुलाकातें और गठजोड़ की हलचलें चुनावी माहौल को और रोचक बना रही हैं। इसी बीच में भोजपुरी स्टार और गायक-एक्टर पवन सिंह मंगलवार (30 सितंबर) को दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से मिले।
दिल्ली स्थित आवास पर हुई इस मुलाकात में पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और गले मिलकर अपने पुराने गिले-शिकवे दूर करने की कोशिश की। इस दौरान बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े और राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिंह भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि इस मुलाकात से पवन सिंह और कुशवाहा के बीच लंबे समय से चल रही नाराज़गी खत्म हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक, सोमवार देर रात ही BJP नेता विनोद तावड़े और राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा ने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात कर इस सुलह की जमीन तैयार की थी। बातचीत के बाद तय हुआ कि मंगलवार को पवन सिंह सीधे कुशवाहा से मुलाकात करेंगे। नतीजा यह रहा कि दोनों के बीच सुलह-सफाई हो गई।
लेकिन पवन सिंह के इस मुलाकात पर RJD सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने बड़ा हमला बोला है। मीडिया से बातचीत करते हुए तेज प्रताप यादव ने तंज कसते हुए कहा - "पवन सिंह कभी लखनऊ में हमारे पैर में गिरे थे। अब किसी और के पैर में गिर रहे हैं। इन्हें खुद ही समझ नहीं आता कि क्या कर रहे हैं। बुद्धि और विवेक काम नहीं कर रहा। कलाकार को कलाकारी करनी चाहिए, राजनीति में क्यों पड़ रहे हैं?"
तेज प्रताप ने यह भी कहा कि पवन सिंह का लगातार इधर-उधर झुकना उनकी अस्थिरता दिखाता है। उन्होंने पवन को सलाह दी कि वे राजनीति में पड़ने के बजाय अपने गायकी पर ध्यान दें।
इसी दौरान जब तेज प्रताप यादव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छठ पर्व को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल कराने के प्रस्ताव पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने इसे सकारात्मक बताया। तेज प्रताप ने कहा– "छठ पर्व बिहार का पवित्र पर्व है। इसे लोग श्रद्धा और भाव से निभाते हैं। हमारी मां भी छठ करती थीं, लेकिन अब अस्वस्थ होने के कारण नहीं कर पा रही हैं। अगर कोई इसे आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा है तो यह अच्छी बात है।"
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि बिहार चुनाव से पहले पवन सिंह की सक्रियता और उनकी मुलाकातें BJP और NDA की रणनीति का हिस्सा हैं। पवन सिंह का भोजपुरी सिनेमा में बड़ा प्रभाव है और उनकी लोकप्रियता का इस्तेमाल NDA चुनावी मैदान में करना चाहता है। वहीं, राजद इस मौके को छोड़ना नहीं चाहता और पवन सिंह को निशाने पर लेकर जनता के बीच यह संदेश देना चाहता है कि बीजेपी सिर्फ ग्लैमर के जरिए वोट बटोरने की कोशिश कर रही है।
हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।