बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का मतदान पूरी तरह से खत्म हो चुका है, और इसके साथ ही एग्जिट पोल के नतीजे भी सामने आए हैं। अधिकांश एग्जिट पोल में एनडीए को बहुमत मिलने की संभावना जताई जा रही है, जबकि महागठबंधन की स्थिति कमजोर दिख रही है। ये नतीजे बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत देते हैं।
रिकॉर्ड वोटिंग के बीच एनडीए की वापसी
2025 के पहले दो चरणों में कुल मिलाकर 67 फीसद से अधिक मतदान हुए, जो पिछली बार की तुलना में काफी अधिक है। यह नतीजा लोकतंत्र की मजबूत भागीदारी को दर्शाता है। चुनाव आयोग ने इसे भारतीय लोकतंत्र की बड़ी जीत बताया है। अधिकांश एग्जिट पोलों में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन 133 से 167 सीटों के बीच नंबर लेकर सत्तासीन बनने की ओर है।
महागठबंधन की स्थिति कमजोर
महागठबंधन जिसे तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बड़ी उम्मीदें थीं, वह इस चुनाव में 70 से 102 सीटें तक सिमटने का जोखिम उठाता नजर आ रहा है। इससे विपक्ष को बड़ा झटका लगेगा और उनके भीतर एक बार फिर सवाल उठेंगे कि क्या वे बिहार के मतदाताओं से जुड़ पाए हैं या नहीं। कांग्रेस और अन्य सहयोगी दल भी इस चुनाव में पिछड़ते दिख रहे हैं।
तेजस्वी यादव की अगुआई में महागठबंधन ने सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास को मुद्दा बनाया था, लेकिन मतदाताओं की नाराजगी और एनडीए की मजबूत संगठनात्मक शक्ति के आगे यह प्रयास सफल नहीं हो पाया। विपक्ष को अब अपनी रणनीति में बदलाव लाने की जरूरत है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए गठबंधन की वापसी लगभग तय नजर आ रही है। महागठबंधन की भूमिका सीमित हो सकती है, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति और अधिक कमजोर हो जाएगी। 14 नवंबर को जब वास्तविक नतीजे घोषित होंगे, तब स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी कि बिहार के मतदाताओं ने किस दिशा में अपनी उम्मीदें सजाई हैं।