बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में हलचल तेज़ है। इसी बीच बड़ी खबर सामने आई है कि केन्द्रीय मंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) सुप्रीमो जीतन राम मांझी की समधन और NDA की उम्मीदवार ज्योति मांझी पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया। घटना बुधवार (5 नवंबर) को बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र में हुई।
जानकारी के अनुसार, ज्योति मांझी अपने समर्थकों के साथ खुली जीप में अपने इलाके में प्रचार कर रहीं थीं। इसी दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने उनकी गाड़ी पर पथराव शुरू कर दिया। उस दौरान पत्थर लगने के कारण वे घायल हो गईं। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। पथराव वाली जगह पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। पुलिस ने कहा कि , दोषियों की पहचान कर जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
हमले की खबर फैलते ही राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया। BJP और NDA के नेताओं ने इस घटना की निंदा की है और कहा है कि चुनाव के दौरान हिंसा अस्वीकार्य है। समर्थकों में भी काफी आक्रोश है। उनका आरोप है कि विपक्ष माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।
बता दें कि बाराचट्टी विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को मतदान होना है। ज्योति मांझी इसी सीट से NDA की उम्मीदवार हैं। सीट बंटवारे के दौरान HAM पार्टी को कुल 6 सीटें मिली थीं। इनमें से 3 सीटों पर मांझी परिवार के सदस्यों को टिकट दिया गया है। इमामगंज सीट से बहू दीपा मांझी, बाराचट्टी से समधन ज्योति देवी और सिकंदरा से दामाद प्रफुल्ल कुमार मांझी को टिकट दिया गया है।
इसके बाद विपक्ष लगातार नीतीश कुमार और NDA पर परिवारवाद का आरोप लगाता रहा है।
हमले के बाद NDA नेताओं ने कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है और चुनाव को प्रभावित करने की साजिश हो सकती है। वहीं, कई नेताओं ने सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है ताकि प्रत्याशियों को बिना डर प्रचार करने का मौका मिले।
दूसरी तरफ, स्थानीय लोग कह रहे हैं कि क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से चुनाव को लेकर तनाव बढ़ा है। कई जगहों पर झड़प की खबरें भी सामने आ चुकी हैं। ऐसे में उम्मीदवारों के ऊपर हमला गंभीर सवाल खड़े करता है।
बिहार चुनाव में पहले चरण का मतदान कल 6 नवंबर को होना है, जबकि दूसरा चरण 11 नवंबर को है। इसके साथ ही राज्य की सियासत पूरी तरह गर्म हो चुकी है। उम्मीदवार घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं और बड़े नेता रैलियां और सभाएं कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच ऐसी हिंसक घटनाएं चुनावी माहौल को तनावपूर्ण बना रही हैं।