घर का भेदी लंका ढाहे। इस बार बिहार चुनाव में भी यही हो सकता है। लालू यादव के बड़े सुपुत्र तेज प्रताप ने चुनाव में अपने ही बाप-भाई को सबक सिखाने का फैसला किया है। अपनी नई पार्टी बनाई है। पार्टी का नाम जनशक्ति जनता दल है। तेज प्रताप महुआ से चुनाव लड़ रहे हैं। और अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं। वैसे ये अलग बात है कि चुनावी रैलियों में भी वो अपने सहयोगियों से जनता के मुद्दे पूछ-पूछकर ही भाषण देते थे। महुआ की जनता ने उनके वादों और भाषणों पर भरोसा किया है या नहीं यह तो 14 नवंबर को पता चलेगा। लेकिन इन सबके बीच तेज प्रताप खुलेआम ऐलान कर रहे हैं कि उनके सामने कई हजार विकल्प खुले हैं। अब इन कई हजार विकल्प में क्या कोई विकल्प NDA में शामिल होने का तो नहीं है!क्या पहली बार RJD को अपने बेटे की वजह से नुकसान होगा?
वैसे इस बार का चुनाव कई मामलों अलग है। पहली बार तेज प्रताप RJD के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। पहली बार ही जब नीतीश कुमार के सीएम बनने पर सवाल उठाया जा रहा है। पहली बार राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपनी पार्टी को जिताने का प्रयास कर रहे हैं। बिहार में पहली बार 66.91 फीसदी वोटिंग हुई है जो अपने आप में रिकॉर्ड है। महिला मतदाताओं ने भी अपना अलग रिकॉर्ड बनाया है। इस बार 71.6 फीसदी महिलाओं ने वोट किया जो इससे पहले कभी नहीं देखा गया था।
इस लैंडस्लाइड वोटिंग से ऐसा लग रहा है कि बिहार में कुछ बदलने वाला है। लेकिन इस बदलाव में तेज प्रताप विभीषण तो नहीं बन जाएंगे। उनका दावा है कि उनकी पार्टी कम से कम 10-15 सीट जीतेगी।
Bihar Chunav Result: क्या बात है जो तेज प्रताप छिपा रहे हैं!
चुनाव प्रचार के दौरान ये कहना कि 'हजारों विकल्प खुले हैं।' या गृह मंत्रालय का अचानक तेज प्रताप को Y कैटेगरी की सिक्योरिटी देना क्या कोई संकेत है? अभी तक आए एग्जिट पोल के हिसाब से देखें को NDA को 153 और महागठबंधन को 85 सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। 122 सीट हासिल करने वाली पार्टी को बहुमत हासिल हो जाएगा।
तेज प्रताप के चुनाव लड़ने से BJP को भले ही कोई फायदा ना हो। लेकिन RJD के नुकसान से उसे कुछ हद तक फायदा जरूर मिलेगा।
तेज प्रताप 2015 में भी महुआ से चुनाव जीत हुए हैं। तब उन्होंने RJD की तरफ से चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2020 के चुनाव में तेज प्रताप को महुआ से टिकट नहीं दिया गया था। उन्हें टिकट मिली हसनपुर सीट से। लेकिन 2025 में उन्होंने अपनी पार्टी लॉन्च की। और अब जनशक्ति जनता दल से ही महुआ से चुनाव लड़ रहे हैं।
अगर तेज प्रताप चुनाव जीत जाते हैं तो उनकी स्थिति काफी मजबूत होगी। क्योंकि तेजस्वी को मुंहतोड़ जवाब देने का माद्दा सिर्फ उनके पास ही है। आलोचना करने में वह बड़े भाई होने का हक भी वह खूब निभाएंगे। ऐसे में तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
लालू परिवार भले ही दोनों भाइयों को जोड़कर रखना चाहता है लेकिन ऐसा होना फिलहाल मुश्किल है। महुआ से RJD के मुकेश रोशन खड़े हैं। इनके खिलाफ तेज प्रताप चुनाव लड़ रहे हैं। तेजस्वी खासतौर पर महुआ गए और जनता से मुकेश रोशन को जिताने का अनुरोध किया।
महुआ में 6 नवंबर को चुनाव हुए थे। उससे पहले तेज प्रताप की मां राबड़ी देवी ने उन्हें जीत का आशीर्वाद दिया। तेज प्रताप घर के बड़े बेटे हैं इसलिए घर से बेदखल करने के बाद भी मोह कम नहीं हुआ है। अब चुनाव के नतीजे आने के बाद पता चलेगा कि पार्टी बड़ी या परिवार?